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इंद्रधनुष की तरह मौसम के साथ रंग बदलती है ये नदी, वजह है बेहद खास

इंद्रधनुष की तरह मौसम के साथ रंग बदलती है ये नदी, वजह है बेहद खास

आज तक आपने कई खूबसूरत और...Editor

आज तक आपने कई खूबसूरत और रहस्यमयी नदियों को देखा या उनके बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसी चमत्कारी नदी के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। आपको बता रहे हैं प्रकृति की उस अनूठी कला के बारे में जिसको जिसने भी सुना वो एकबार में यकीन कर पाना शायद संभव न होगा।

वैसे तो प्रकृति ने पृथ्वी पर बेशुमार खूबसूरती और रोमांचक चीजें बिखेर रखी है, लेकिन क्या आपको पता है कि एक नदी ऐसी भी है जो हर साल मौसम के मुताबिक अपना रंग बदल लेती है। इस नदी का नाम है कैनो क्रिस्टल्स, जो कोलंबिया में बहती है। इस नदी की खासियत ऐसी है कि यह हर मौसम के साथ अपना रंग बदलती हैं। कैनो क्रिस्टल्स नदी की लंबाई करीब सौ किलोमीटर है और चौड़ाई करीब बीस मीटर है।

लिक्विड रेनबो नाम से भी है फेमस, कोलंबियन मिलिट्री करती है सुरक्षा

कैनो क्रिस्टल्स नदी

कैनो क्रिस्टल्स नदी का रंग कभी पीला तो कभी हरा, कभी लाल और कभी नीला हो जाता है इसलिए इस नदी को 'लिक्विड रेनबो' के नाम से भी जाना जाता है। साल 2000 में इस नदी के इलाके में कुछ हिंसक गतिविधियों वाले गुट रहते थे और इस कारण से नदी के आसपास वाले इलाके सुरक्षित नहीं थे। इस नदी से करीब 30 किमी की दूरी पर कोलंबियन मिलिट्री का अधिकार है। ये जगह अब मशहूर पिकनिक स्पॉट भी बन चुकी है।

नदी के रंग बदलने का यह है कारण

कैनो क्रिस्टल्स नदी

दरअसल इस कैनो क्रिस्टल्स नदी में मैकारैनिया क्लैवीगैरा नाम का एक पौधा है, जिसके कारण इसका रंग बदलता ही रहता है। इस पौधे को अगर किसी खास मौसम में निश्चित जल या निश्चित सूरज की रौशनी मिले तो इसका रंग हल्का या फिर गहरा लाल होता जाता है। ज्यादातर दिनों में इस नदी का रंग हल्का या गहरा गुलाबी और हल्का या गहरा लाल होता है मगर कभी-कभी इसका रंग नीला, पीला, नारंगी और हरा भी हो जाता है।

जून से नवंबर में बदलता है रंग

कैनो क्रिस्टल्स नदी कोलंबिया के सरानिया दी ला मैकरेना इलाके में बहती है, जो ग्वायाबैरो नदी में मिल जाती है। कैनो क्रिस्टल्स नदी के रंग बदलने की ये घटना जून से लेकर नवंबर के बीच कुछ सप्ताह में दिखती है। प्रकृति की इस खूबसूरती के बरकरार रखने के लिए यहां कुछ नियम भी बनाए गए हैं, जैसे एक ग्रुप में 7 से ज्यादा लोग यहां नहीं जा सकते और एक दिन में 200 से ज्यादा लोगों को इस क्षेत्र में जाने की इजाजत नहीं है।

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