40 साल पहले मर चूका शख्स पेड़ की शक्ल में हुआ जिंदा...
- In ज़रा हटके 1 Oct 2018 3:38 PM IST
वो मर कर लौटा पर पेड़ बन कर
ग्रीस में इन दिनों एक अनोखी कहानी चर्चा में हैं जहां एक शख्स 40 साल पहले मर गया था पर एक बार फिर लोगों के सामने है आैर इसकी वजह है एक अंजीर का पेड़ जो उसकी कब्र पर उग आया है। मिरर की रिपोर्ट की माने तो ये शख्स जब मरा तो उसके पेट में अंजीर का एक बीज था अब वो पेड़ बन कर उसको दफनाने की जगह पर उग आया है। इस शख्स का नाम अहमेट हर्ग्यूनर बताया जा रहा है। सच तो ये है कि इस शख्स की मौत की खबर ही इस पेड़ के सामने आने बाद ही आम हुर्इ।
हत्या हुर्इ थी
खबरों के मुताबिक 40 साल पहले अहमेट का कत्ल किया गया था। 1974 में हर्ग्यूनर को ग्रीक और टर्किश संघर्ष के दौरान मार दिया गया था। सालों तक उसका शव या उससे जूड़ी कोर्इ खबर नहीं मिली। जब अंजीर का ये पेड़ दिखार्इ दिया आैर उस स्थान पर छानबीन की गई तब उसकी मौत की सच्चार्इ भी सबके सामने आर्इ। जांच में पता चला कि साइप्रस में हर्ग्यूनर और उसके एक अन्य साथी को गुफा के अंदर डाइनामाइट से उड़ा कर दफना दिया गया था। उस धमाके से ही गुफा में एक छेद बन गया, जिससे सूरज की रोशनी उस जगह पर पहुंचने लगी। इसी धूप की वजह से अहमेट के पेट में पड़ा अंजीर का बीज विकसित हुआ आैर जल्दी ही वहां उसका पौधा उगा। समय बीतने पर वही पौधा एक बड़ा अंजीर का पेड़ बन गया।
अंजीर के पेड़ ने पैदा किया शक
साल 2011 में एक शोधकर्ता ने इस बात पर गौर किया कि उस इलाके में अंजीर का पेड़ उगना ही काफी असमान्य बात है आैर उस पर भी एक गुफा के अंदर पेड़ तो आैर भी हैरान करने वाली बात है। इसके बाद उसने वहां शोध शुरू किया आैर तब पता चला कि पेड़ के नीचे एक लाश दबार्इ गर्इ थी। आगे के अध्ययन में एेसे तथ्य भी सामने आये कि मृतक ने कुछ समय पहले अंजीर खार्इ होगी या किसी आैर वजह से उसका बीज उसके पेट मौजूद रहा होगा। इसी जांच में पता चला कि मरने वाला शख्स हर्ग्यूनर था आैर उसके साथ किसी आैर को भी डाइनामाइट से उडत्र कर दफना दिया गया था।
बहन ने सुनार्इ कहानी
ये पता लगने के बाद कि पेड़ बन कर सामने आने वाला शख्स अहमेट था उसकी बहन मुनूर हर्ग्यूनर सामने आर्इ आैर उन्होंने अपने भार्इ की कहानी शेयर की। उसने बताया कि वे जिस गांव में रहते थे वहां करीब चार हजार लोग थे जिनमें आधी आबादी ग्रीक और आधी आबादी तुर्की की थी। 1974 में जब तनाव शुरू हुआ तो उनका भाई टर्किश रसिस्टेंट ऑर्गेनाइजेशन का सदस्य बन गया था। उसी साल 10 जून को ग्रीक उसे उठा ले गए। जिसके बाद बहुत तलाशने पर भी उसका पता नहीं चला। अंजीर के पेड़ ने दरसल उन्हें अपने भार्इ के बारे में जानकारी उपलब्ध करार्इ जब उनके ब्लड सैंपल आैर बरामद लाश के डीएनए आपस में मैच कर गए। 1981 में उन दो हजार लोगों की खोज के लिए साइप्रस में एक कमेटी का गठन किया था जो 1963 से 1974 के बीच गायब हुए। इस कमेटी का काम था वो इन लोगों के साथ होने वाले हादसों का पता करें आैर जानकारी जुटायें। इस काम के लिए करीब 1 हजार 222 बार खुदार्इ अभियान चलाये गए लेकिन केवल 26 प्रतिशत मामलों में ही जानकारी मिल सकी।