पुलिस को हुस्नपरी मनीषा दयाल ने दिखायी रसूख की ताकत, कहा- मुंह खोलूंगी न तो...
- In बिहार 16 Aug 2018 1:08 PM IST
आसरा गृह कांड से शुरू हुई हाई प्रोफाइल हुस्नपरी मनीषा दयाल के तेवर पुलिस कस्टडी में भी कम नहीं दिख रहे। पुलिस कस्टडी में मनीषा दयाल से मंगलवार को हुई पूछताछ में पहले तो मनीषा चुपचाप बैठी रही लेकिन एक महिला पुलिसकर्मी ने जब कहा कि -आप इशारों में कुछ न कहिये। साफ-साफ बोलिए ताकि आपका जवाब स्पष्ट हो...। इतना सुनते ही मनीषा के तेवर बदल गए और वह अचानक खड़ी हो गई।
कहा-ज्यादा सवाल मत पूछिए, मुंह खोलूंगी तो कोई नहीं बचेगा
सूत्रों की मानें तो मनीषा ने कहा- ज्यादा सवाल मत पूछिये। मुंह खोलूंगी न तो कोई नहीं बचेगा। मुझे पता है, कौन क्या है। एक-एक की पोल..। अभी मनीषा आगे बोलने ही वाली थी कि तब तक वहीं पर बैठे इस कांड के दूसरे आरोपित और मनीषा के चहेते चिरंतन ने उसे चुप कराने की कोशिश की। वह बार-बार मनीषा को धैर्य रखने और ज्यादा नहीं बोलने को कह रहा था। पूछताछ के दौरान मनीषा के तेवर को देखकर पुलिसकर्मी भी दंग थे।
समाज कल्याण विभाग और ब्यूरोक्रेसी से भी जुड़ रहे तार
बता दें कि आसरा होम में दो लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में मनीषा दयाल और उसके साथी चिरंतन को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन अब इस मामले की एक-एक कड़ी पुलिस ने खोलनी शुरू कर दी है। पता चला है कि इसके तार अब समाज कल्याण विभाग और स्थानीय नेताओं से लेकर ब्यूरोक्रेसी तक जुड़ गए हैं और इसकी केवल एक वजह है-वो है हुस्न के मायाजाल में फंसाने वाली हाई प्रोफाइल सुंदरी मनीषा दयाल।
मनीषा के तेवर से सियासी गलियारों और कई अफसरों की धड़कनें हुईं तेज
पुलिस कस्टडी में मनीषा से पूछताछ हो रही है तो इसका असर सियासी गलियारों से लेकर उससे संपर्क रखने वाले कई अफसरों पर देखा जा रहा है। सबको ये डर है कि गलती से भी मनीषा ने किसी का नाम लिया तो बात बिगड़ सकती है। एक ओर जहां कुछ नेता भी इस प्रकरण पर नजर रख रहे हैं, वहीं कुछ अधिकारियों को भी परेशानी हो रही है।
पुलिस को मिल सकती हैं अहम जानकारियां
सोमवार को गिरफ्तार की गई मनीषा दयाल और चिरंतन कुमार से पूछताछ के लिए पटना पुलिस ने दोनों को तीन दिनों के रिमांड पर रखा है। महिला थाने में दोनों को रखा गया है। केस के आईओ ललन सिंह प्रश्नों का लिस्ट तैयार कर रहे हैं। संस्था के एग्रीमेंट एकरारनामे में लिखे शर्तों के आधार पर लिस्ट तैयार की जा रही है। कड़ी पूछताछ में हो सकता है कि पुलिस को इनसे कई अहम जानकारियां मिलें।
ब्रजेश ठाकुर से भी जुड़ रहे मनीषा के तार
वहीं, दूसरी ओर ब्रजेश ठाकुर से मनीषा दयाल की कड़ी जुड़ने की खबर मीडिया में आने के बाद अब वह सीबीआई की रडार पर भी आ सकती है। इसकी वजह है कि ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रातः कमल में मनीषा दयाल से संबंधित खबरें खूब छपती थीं। उसका ब्रजेश ठाकुर से भी संबंध बताया जा रहा है।
कपड़ा व्यापारी राजीव वर्मा से हुई थी शादी
गया की रहने वाली मनीषा दयाल की शादी पटनासिटी के एक कपड़ा कारोबारी राजीव वर्मा के साथ हुई थी। बताया जा रहा है कि दोनों ने लव मैरिज की थी। लेकिन मनीषा को मॉडलिंग, बड़ी-बड़ी पार्टियों और बड़े लोगों के साथ उठने-बैठने का शौक था जो उसके पति जीवन को पसंद नहीं था। दोनों के दो बच्चे भी हैं।
पति को छोड़ बच्चों के साथ रहती थी अलग
शादी के कुछ सालों बाद मनीषा ने एक एनजीओ में नौकरी करनी शुरू की। एनजीओ में काम करने के दौरान ही उसकी पहुंच राजनीतिक गलियारों से लेकर पत्रकारों तक से हो गई। अपने शौक को पूरा करने के लिए मनीषा दयाल अपने पति जीवन वर्मा से रिश्ते तोड़कर अलग रहने लगीं। धीरे-धीरे उसने अपने राजनीतिक और सोशल कनेक्शन इतने मज़बूत बना लिए कि एनजीओ की नौकरी छोड़कर 2016 में अपना ख़ुद का अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फ़ाउंडेशन शुरू किया।
दो सालों में बन गईं पेज थ्री सोसायटी की शान
मनीषा दयाल अभी जो भी हैं उसकी शुरुआत 2016 से ही हुई थी। तब से ही उन्होंने पटना में कई बड़े आयोजनों और कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी बढ़ाई और अचानक से इन दो सालों में मनीषा का एनजीओ चल निकला और इसके ज़रिए वह पटना की पेज थ्री सोसायटी में सेलिब्रिटी बन गई। राज्य के बड़े अधिकारियों की पत्नियों के साथ पार्टियों में शामिल होने लगी।
अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फ़ाउंडेशन ने ही पिछले साल 2017 में पटना में एक कॉरपोरेट क्रिकेट लीग का आयोजन कराया था जिसे बिहार का अब तक सबसे बड़ा इवेंट कहा गया था। सीसीएल यानी कॉरपोरेट क्रिकेट लीग की अपार सफलता के बाद मनीषा दयाल ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और उसके बाद सॉकर (फ़ुटबॉल) प्रीमियर लीग का अायोजन किया। जिन नेताओं के साथ मनीषा की तस्वीरें वायरल हो रही हैं उनमें से ज़्यादातर तभी की हैं जब उन्होंने कॉरपोरेट क्रिकेट लीग का आयोजन कराया था।
सालाना 70 लाख रुपये बजट वाली संस्था को चला रही थी
आसरा होम की दो संवासिनों की रहस्यमय परिस्थिति में मौत के बाद मनीषा को गिरफ्तार किया गया है और वह इस समय पुलिस की रिमांड पर है। गिरफ्तारी के पहले तक मनीषा सालाना 70 लाख रुपये के बजट वाली स्वयंससेवी संस्था का संचालन कर रही थी।