मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड: जांच को पहुंचा बाल आयोग, पूरे बिहार जाएगी टीम
- In बिहार 24 July 2018 1:21 PM IST
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम में लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले की जांच के लिए आज राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की दो सदस्यीय टीम मुजफ्फरपुर पहुंची है। टीम के अनुसार केवल मुजफ्फरपुर ही नहीं, पूरे सूबे के ऐसे शेल्टर होम की जांच की जाएगी।
इसके पहले एक पीडि़त लड़की के इस बयान के आधार पर कि उसकी एक सहेली की हत्या कर शव को दफना दिया गया था, पुलिस ने सोमवार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम परिसर की खोदाई की। लेकिन, वहां शव नहीं मिला। खोदाई के बाद पुलिस ने मिट्टी का नमूने ले लिए, जिन्हें फॉरेन्सिक जांच के लिए भेजा जा रहा है।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के सदस्य विजय कुमार रोशन तथा प्रेमा साहा ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम पहुंचकर जांच की। आयोग के सदस्य विलय कुमार रोशन के अनुसार इस कांड में एक आदमी नहीं, कई लोगों की मिलीभगत है। एक बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि आयोग पूरे बिहार में संचालित शेल्टर होम्स की जांच करेगा।
लड़की के खुलासे के बाद हुई खोदाई
इसके पहले सोमवार को शेल्टर होम में एक पीडि़त लड़की की निशानदेही पर खोदाई कर कथित रूप से हत्या कर दफन किए गए शव की खोज की गई। लेकिन, कुछ नहीं मिला।
शेल्टर होम में रहने वाली यौन शोषण से पीडि़त एक लड़की ने पटना स्थित पॉक्सो कोर्ट में बयान दिया था कि उसकी एक सहेली को शेल्टर होम के कर्मचारियों ने पीट-पीटकर मार डाला तथा शव को परिसर में ही एक पेड़ व टंकी के पास दफना दिया था। लड़की के इस बयान के बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने खोदाई की।
लड़की ने परिसर में उस स्थान की निशानदेही की, जहां लाश दफन किए जाने का उसने दावा किया था।
सूत्रों के अनुसार शव दफनाने के साक्ष्य नहीं मिलने पर पुलिस इसका सच जानने को अब वैज्ञानिक जांच कराएगी। गड्ढे की मिट्टी के नमूने को एफएसएल जांच के लिए भेजा जाएगा।
एसएसपी ने बताई ये बात
एसएसपी हरप्रीत कौर भी खोदाई का जायजा लेने परिसर में पहुंचीं। वहां चार घंटे तक मौजूद रहीं। उन्होंने बताया कि पुलिस साक्ष्यों के आधार पर काम कर रही है। अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सबके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। जल्द ही इन सभी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
अभी तक गायब हो चुकीं छह लड़कियां
गौरतलब है कि इस शेल्टर होम से 2013 से 2018 के बीच छह लड़कियां गायब हुई हैं। शेल्टर होम प्रबंधन ने उन्हें भगोड़ा बताया है।
यह है मामला
'कोशिश' संस्था की रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में यौन हिंसा का मामला उजागर होने के बाद महिला थाने में अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। साथ ही यहां से लड़कियों को पटना, मोकामा व मधुबनी स्थित बालिका गृह में शिफ्ट कर कार्रवाई शुरू की गई। शेल्टर होम के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर व सात महिलाओं को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाते हुए तीन जून को गिरफ्तार किया गया।
बाद में बालिकाओं की शिनाख्त व बयान पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दिलीप कुमार वर्मा, सदस्य विकास कुमार व सीपीओ रवि रोशन को आरोपित किया था। विकास व रवि रोशन को भी गिरफ्तार किया।
इस बीच यहां से बाहर शिफ्ट की गईं तीन लड़कियों ने बयान दिया कि यौन प्रताडऩा का विरोध करने पर एक अन्य लड़की की हत्या कर लाश को शेल्टर होम में ही दफना दिया गया। इस बयान के आधार पर विशेष पॉक्सो कोर्ट ने परिसर की खोदाई का आदेश दिया था। इसके आलोक में सोमवार को शेल्टर होम परिसर की खोदाई कराई गई। आज बाल संरक्षण आयोग की टीम जांच के लिए पहुंची है।