मुजफ्फरपुर: सीबीआई की नजर अपने ही पूर्व अफसर पर ,ब्रजेश ठाकुर के पड़ोसियों से भी होगी पूछताछ
- In बिहार 22 Aug 2018 1:37 PM IST
मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सीबीआई की जांच का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। सीबीआई के अनुसार ब्रजेश ठाकुर के इस काले कारनामें के पीछे कई रसूखदार और जिम्मेदार अफसर का भी हाथ था। सीबीआई की जांच में एक बड़े पूर्व अधिकारी के संलिप्त होने की बात सामने आ रही है। यही नहीं ब्रजेश ठाकुर पर पूरी तरह से कानूनी शिकंजा कसने के लिए उसके पड़ोसियों से भी पूछ ताछ होगी।
सीबीआई की एक पूर्व बड़े अफसर पर नजर पड़ते ही सीबीआई ने उसकी तलाश तेज कर दी लेकिन पता चला कि ये अधिकारी विदेश भाग चुका है। इस बीच जांच में मिले सुराग पर सीबीआई की नजर समाज कल्याण विभाग के एक पूर्व बड़े अफसर पर भी है और उसकी तलाश भी जारी है। ब्रजेश को फायदा पहुंचाने को लेकर सीबीआई के पूर्व अधिकारी समेत कई सरकारी अफसर भी जांच के घेरे में हैं।
बालिका गृह में बच्चियों के साथ होने वाले यौन शोषण की बात को दबाने वाले अफसरों के कार्यकाल में कागजातों की जांच में कई अहम संकेत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक संबंधित अफसर कुछ महीने पहले ही रिटायर हुए हैं। जांच में पता चला है कि रिटायरमेंट से पहले ब्रजेश और मधु की एनजीओ के अलावा अन्य एनजीओ को सरकारी फंड के जरिए करोड़ों की राशि दी थी। बहरहाल उस रिटायर अफसर के विदेश भाग जाने की आशंका भी जताई जा रही है। वैसे आने वाले दिनों में समाज कल्याण के कई अफसरों से पूछताछ हो सकती है। इसको लेकर करीब डेढ़ दर्जन अफसरों की सूची पहले से तैयार है।
इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए प्रशासन ने भी बड़ा बदलाव किया है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच कर रहे सीबीआई के एसपी जेपी मिश्र को हटाकर, उनकी जगह देवेंद्र सिंह को कार्यभार संभालने की जिम्मेदारी दी गई है जो इससे पहले लखनऊ के सीबीआई एसपी का पद संभाल रहे थे। इस मामले में अधिसूचना सीबीआई ने जारी की है। जेपी मिश्र पटना में ही डीआईजी कार्यालय में तैनात रहेंगे।
दूसरी तरफ सीबीआई ब्रजेश ठाकुर के पड़ोसियों से भी पूछ ताछ की तैयारी कर ली है जिसके लिए उन्हे जल्दी ही पटना लाया जाएगा। इससे पहले बालिका गृह में काम करने वाली आरोपी महिलाओं को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी भी सीबीआई ने पूरी कर ली है ताकि ब्रजेश के खिलाफ ठोस सबूत कोर्ट में पेश किए जा सकें।
बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस का मामला तब सामने आया, जब टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) की ऑडिट रिपोर्ट आई थी । 31 मई को बिहार सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कैसे इन बालिका गृह में छोटी-छोटी बच्चियों का शोषण किया जाता रहा है ।इस मामले में विपक्ष लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहा था ।जिसके बाद राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी और 28 जुलाई को सीबीआई की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी।