देह व्यापार रैकेट की सरगना निकली यह महिला राजनेता, रंगे हाथ पकड़े गये कई जोड़े
- In बिहार 31 Dec 2018 2:27 PM IST
राजधानी के कदमकुआं थाने की पुलिस ने रविवार को एक बड़े सेक्स रैकेट का उद्भेदन किया। पुलिस टीम ने इस सिलसिले में एक नई क्षेत्रीय पार्टी की नेता के अड्डे पर दबिश दी, जहां सुदूर इलाकों से लड़कियों को बुलाकर जिस्मफरोशी कराई जा रही थी। शराब का भी इंतजाम था और सुरक्षा के लिए उसने बंदूक रखी थी। वह विधानसभा चुनाव में भी दावेदारी पेश कर चुकी है।
पुलिस ने एक राजनीतिक दल के नेता के भाई मनोज को भी दोस्त अमित (नवादा) के साथ फ्लैट से गिरफ्तार किया है। देह व्यापार के दलदल में फंसी चार युवतियों को संचालिका के चंगुल से मुक्त कराया गया। पुलिस ने फ्लैट से अष्टधातु की दो मूर्तियां भी बरामद की हैं, जिनकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों में बताई जा रही है। गिरोह के तार मूर्ति तस्करों से भी जोड़े जा रहे हैं।
पटना के टाउन डीएसपी सुरेश कुमार ने कहा कि संचालिका समेत दो ग्राहकों को गिरफ्तार किया गया। चार युवतियों को मुक्त कराया गया है। मूर्तियों के बारे में जानकारी लेने के लिए बिहार म्यूजियम के विशेषज्ञों से संपर्क किया जा रहा है। फ्लैट अशोक खंडेलिया के नाम पर किराए पर लिया गया था।
किराए पर लिया गया था फ्लैट
फ्लैट खगडिय़ा निवासी व्यापारी अशोक खंडेलिया के नाम से किराए पर लिया गया था। अशोक ने कई लोगों से कर्ज ले रखा था। इस फ्लैट में क्षेत्रीय पार्टी की महिला नेता लगभग दो माह से देह व्यापार करा रही थी। फ्लैट के मालिक दिल्ली में रहते हैं। पुलिस ने उनसे फोन पर बात की, तब अशोक के बारे में पता चला। इस संबंध में खगडिय़ा पुलिस से भी संपर्क किया गया।
मौके से शराब भी जब्त
यहां प्रत्येक रविवार को फ्लैट में मौज-मस्ती के लिए दूसरे जिलों व राज्यों से लड़कियां मंगाई जाती थीं। मुक्त कराई गईं लड़कियों की उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच है। नेत्री ग्राहकों के लिए शराब का भी बंदोबस्त करती थी। मनोज के कमरे से आधा बोतल शराब जब्त हुई।
राजनीतिक कनेक्शन देख भौंचक रह गई पुलिस
हिरासत में लिए जाने के बाद संचालिका ने पुलिस पर खूब धौंस दिखाई। वर्दी उतरवाने और देख लेने की भी धमकी दे डाली। जब पुलिस ने उसके मोबाइल की गैलरी खोली तो वह भौंचक रह गई। संचालिका की तस्वीरें बड़े नेताओं के साथ थीं। वाट्सएप चैट से मालूम हुआ कि सफेदपोश लोगों से उसके गहरे संबंध हैं। हालांकि, पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य थे, इसलिए महिला की दाल नहीं गल सकी। फ्लैट की अलमारी से पुलिस को जमीन की खरीद-फरोख्त संबंधी कागजात भी मिले, जिससे पता चलता है कि वह कई धंधों में लिप्त थी। संचालिका के राजनीतिक कनेक्शन पर पुलिस मौन हो गई।
मोबाइल से पता चलेगा मूर्ति का राज
बेशकीमती मूर्तियों के बारे में पूछने पर संचालिका ने बताया कि बड़े लोगों ने उसकी सेवा से खुश होकर गिफ्ट किया था। लेकिन, देखने से ऐसा लग रहा था कि वो मूर्तियां काफी पुरानी हैं और किसी म्यूजियम से चुराई गई हैं। महिला के मोबाइल को बारीकी से खंगाला जा रहा है। पुलिस को यकीन है कि मूर्ति तस्करी का राज उसके मोबाइल से ही खुलेगा। कमरे से मिली दोनाली बंदूक का लाइसेंस अशोक खंडेलिया के नाम पर है। अंदेशा है कि मूर्ति तस्करी में भी उसका हाथ होगा।