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बिहार में राजनीतिक बयानों का स्‍तर बेहद खराब, 'शूर्पणखा' के बाद अब 'दगाबाज' की हुई एंट्री

बिहार में राजनीतिक बयानों का स्‍तर बेहद खराब, शूर्पणखा के बाद अब दगाबाज की हुई एंट्री

बिहार के राजनेता यहां सियासत...Editor

बिहार के राजनेता यहां सियासत का स्तर गिराते जा रहे हैं। लगातार मर्यादा खोते बयान इसके प्रमाण हैं। देश की राजनीति में राम के बाद हनुमान की एंट्री हुई ही थी, लेकिन बिहार में तो पूरी रामायण कथा की स्क्रिप्ट ही लिख दी गई। बयानों की सियासत में अब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) 'शूर्पणखा' को भी लेकर आ गया है। ज्यादा दिन नहीं हुए, जब राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'जहरीली डायन' की संज्ञा दे डाली। ताजा मामला लालू के नीतीश को 'दगाबाज' कहने का है।

बिहार की राजनीति में नई नहीं बदजुबानी

बिहार की राजनीति में बदजुबानी कोई नई बात नहीं। इसका क्लााइमेक्स बीते लोकसभा व विधानसभा चुनावों में देखने को मिला था। इसके बाद मर्यादा की सीमाएं पार करते बयान कम तो हुए, लेकिन थमे नहीं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इस प्रवृत्ति में फिर तेजी आती जा रही है।

नीतीश को बता दिया दगाबाज

बीते बुधवार की बात करें तो जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी महागठबंधन के भविष्य पर सवाल उठाया तो इसपर भड़के लालू प्रसाद यादव ने उन्हें 'पलटू दगाबाज' की संज्ञा दे डाली। लालू ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि ''ऐसे लोगों को शर्म भी नहीं आती।''

मीसा भारती को बताया 'शूर्पणखा'

'पलटू दगाबाज' और बेशर्म तो वर्तमान सियासत की गंदी जुबान में कोई मायने ही नहीं रखते। हाल ही में बिहार की सियासत में जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार के लालू परिवार पर दिए बयान ने भूचाल ला दिया था। इशारों ही में उन्होंने तेज प्राताप यादव व तेजस्वी यादव को रामायण के पात्रों का हवाला देते हुए मीसा भारती को 'शूर्पनखा' बता दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ''...आज न केवल छोटा भाई सत्ता पर काबिज है, बल्कि बड़े भाई को वन-वन घूमने को बाध्य किया गया। 'शूर्पणखा' को एक क्षेत्र के मालिक बनाने पर भी कोई राजी नही.!! धन्य है प्रभु..! हरि ओम !!'' इसके बाद जिसकी उम्मीद थी, वही हुआ। तेज प्रताप यादव हत्थे से उखड़ गये और उन्होंने चाचा नीतीश कुमार को कड़ी नसीहत के साथ चेतावनी भी दे डाली।

सुशील मोदी को दे डाली थी ये धमकी

अपने पर पड़ी तो बिफर पड़े, लेकिन तेज प्रताप यादव भी विवादित बयान देते रहे हैं। तेज प्रताप ने उपमुख्य़मंत्री सुशील मोदी के बेटे उत्कवर्ष मोदी की शादी के दौरान वहीं सभा व तोड़-फोड़ करने तथा घर में घुसकर मारने की धमकी दी थी। इसके पहले एक बार सुशील मोदी ने जब तेज प्रताप की शादी को लेकर चिंता जाहिर की तो तेजप्रताप ने उन्हें अपने परिवार की चिंता करने की नसीहत दी थाी। सवाल किया था कि सुशील मोदी को अपने बेटे के शादी की चिंता क्यों नहीं हैं? क्या वह नपुंसक है?

नीतीश को लेकर कही ये बातें

भागलपुर में राजद की सृजन घोटाले के खिलाफ आयोजित राजद की रैली में तेज प्रताप ने कहा था कि नीतीश कुमार की हालत उस प्रेग्नेंट औरत जैसी है, जिसे हर हाल में किसी न किसी की सहायता की आवश्यकता है और नीतीश की सेवा करने में भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी किसी आशा कार्यकर्ता की तरह लगे हैं। एक बार तेज प्रताप ने नीतीश कुमार को जहरीली डायन की संज्ञा दी। एक बार उन्होंने

पप्‍पू बोले: ऐसे नेताओं को जिंदा जला दो

हाल ही में वैशाली पहुंचे जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक सह सांसद पप्पू यादव ने विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि खुद की रक्षा के लिए अब जनता को करो या मरो के नारे के साथ हथियार उठाने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से भ्रष्ट नेताओं, अपराधियों व माफियाओं को जलाकर राख कर देने का भी आह्वान किया। पप्पू वैशाली के जंदाहा में व्यवसायी की हत्या के बाद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे।

शरद ने वसुंधरा को बताया था 'मोटी'

ज्यादा दिन नहीं हुए, जब बिहार के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने राजस्थान विधानसभा चुनाव-प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ''मोटी'' बताया था। अलवर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शरद यादव ने वसुंधरा राजे पर यह टिप्पेणी करते हुए कहा था कि उन्हें आराम देने की जरूरत है। वसुंधरा राजे ने इसे सभी महिलाओं का अपमान बताया था।

जदयू प्रवक्‍ताओं व अश्विनी चौबे को बताया 'कुत्‍ता'

बीते सप्‍ताह ही बिहार के सासाराम में बक्सर से सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने महागठबंधन के घटक दलों को मेंढक की संज्ञा देकर उन्‍हें पाकिस्‍तान सीमा पर हिंद महासागर में डुबो देने की बीत कही। इसपर प्रतिक्रिया में कांग्रेस प्रवक्‍ता प्रेमचंद मिश्र ने चर्चित हिंदी कहावत 'हाथी चले बाजार, कुत्‍ता भौंक हजार' कहते हुए अश्विनी चौबे का नाम लिए बिना उन्‍हें कुत्‍ता की संज्ञा दे डाली।

हालांकि, बिहार की सियासत में कुत्‍ते की एंट्री करीब साल भर पहले लालू प्रसाद यादव कर चुके थे। तब जदयू प्रवक्‍ताओं के बयानों से खीझे लालू ने उन्‍हें नीतीश के भौंकने वाले अल्सेशियन डॉग करार दिया था। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू प्रवक्‍ता नीरज कुमार ने कहा था कि वे केवल भौंकते नहीं, काटते भी हैं।

राहुल को बता दिया 'नाली का कीड़ा'

केंद्रीय राज्‍य मंत्री अश्विनी चौबे ने कुछ समय पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 'नाली का कीड़ा' बता दिया। अश्विनी चौबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना आकाश से करते हुए राहुल गांधी को 'नाली का कीड़ा' कहा था। राहुल को लेकर अभद्र टिप्पण्‍ाी बिहार के कई अन्‍य नेताओं ने की है। व्‍यंग्‍य में उन्‍हें 'पप्‍पू' की संज्ञा दी जाती रही है।

गिरिराज बोले: गोरे रंग के कारण साेनिया बनीं कांग्रेस अध्‍यक्ष

विवादित बयानों के चर्चा हो और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में राज्‍यमंत्री गिरिराज सिंह का नाम न आए, ऐसा कैसे हो सकता है? एक बार उन्‍होंने कहा था कि सोनिया गांधी गोरे रंग के कारण कांग्रेस की अध्‍यक्ष बनीं। इसपर सोनिया ने पलटवार करते हुए उन्‍हें छोटी सोच का आदमी बताया था। एक बार उन्‍होंने कहा था कि आतंकवाद के समाप्त होने से कांग्रेस परेशान है और कांग्रेस के समाप्त होने पर आतंकवादी। हाल में उन्होंने भारत में रहने वाले मुसलमानों को राम का वंशज बताया तथा उनसे राम मंदिर निमार्ण में सहयोग की मांग की।

मर्यादा खोते बयानों के बीच कायम रहा नीतीश का संयम

विवादित व मर्यादा खोते बयानों की सियासत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयम से काम लिया है। हालांकि, हाल में महागठबंधन में शा‍मिल दलों के संदर्भ में उन्होंने एक टिप्पणी कर ही दी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में सड़क छाप लोगों को भी शामिल किया जा रहा है। विपक्ष ने इस बयान पर आपत्ति दर्ज की है।

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