सवालों के घेरे में फसी AAP: किस पर थी बैठक, राशन पर थी तो क्यों नहीं मौजूद थे खाद्य मंत्री
- In बिहार 21 Feb 2018 10:54 AM IST
मुख्यमंत्री आवास पर सोमवार आधी...Editor
मुख्यमंत्री आवास पर सोमवार आधी रात को हुई बैठक के मुद्दे को लेकर अब भी असमंजस है। मुख्य सचिव जहां बैठक का विषय विज्ञापन बता रहे है, वहीं सरकार ढाई लाख लोगों को राशन नहीं मिलने के मुद्दे पर बैठक की बात कर रही है
मगर सरकार अपने बयानों को लेकर सवालों के घेरे में है। कारण अगर बैठक राशन को लेकर थी तो बैठक में खाद्य मंत्री इमरान हुसैन और खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को क्यो नहीं बुलाया गया।
मुख्य सचिव के साथ मारपीट पर आम आदमी पार्टी सरकार लगातार सफाई दे रही है की जनता को घर-घर राशन पहुंचाने के संबंध में मुख्यमंत्री आवास पर बैठक बुलाई थी।
मुख्य सचिव का कहना है कि..
जनता को बीते दो माह से गलत फैसले को लागू करने से लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा था। मगर मुख्य सचिव का आरोप है की विधायकों ने टीवी में तीन साल के कामकाज को लेकर विज्ञापन को लेकर चर्चा की और मारपीट किया।
सरकार ने अगर राशन को लेकर ही बैठक बुलाई थी तो बैठक में उससे संबंधित मंत्री और अधिकारी क्यो नदारद थे। बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अलावा 10 विधायक अजय दत्त, प्रकाश जारवाल, नितिन त्यागी, अमानतुल्लाह खान, मदन लाल, संजीव झा, प्रवीण कुमार, राजेश गुप्ता, ऋतुराज झा और राजेश ऋषि मौजूद थे।
खास बात की इमरान हुसैन जिनके साथ मंगलवार को सचिवालय में मारपीट हुई है वह खाद्य मंत्री होते हुए भी इस अहम बैठक में नहीं थे।
क्या है विज्ञापन विवाद
दरअसल दिल्ली सरकार ने तीन साल पूरे करने पर एक विज्ञापन तैयार किया था। विज्ञापन में सरकार ने कामकाज की उपलब्धियों का जिक्र करते किया था। यह विज्ञापन तीन साल पूरे होने पर जारी होना था।
मगर इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि तीन साल के कामकाज के दौरान बहुत बाधाएं आई। मगर ईमानदारी से काम करने के चलते सही रास्ते पर चलने के चलते उन्हें कई दृश्य व अदृश्य ताकतों ने मदद की।
अधिकारी इसी अदृश्य शब्द को लेकर आपत्ति जताई और विज्ञापन रोक दिया। इसके अलावा विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को लेकर भी अधिकारियों ने कुछ आपत्तियां जताई थी। जब से सरकार के निशाने पर मुख्य सचिव थे।
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