दिवंगत सीएम जयललिता का अस्पताल का वीडियो जारी, EC ने लिया संज्ञान
- In बिहार 20 Dec 2017 4:00 PM IST
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तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का टीटीवी दिनाकरन समर्थक पी. वेत्रिवेल ने उस वक्त का वीडियो जारी किया है जब वह अस्पताल में भर्ती थीं। वीडियो जारी करने के बाद वेत्रिवेल ने कहा कि यह गलत है कि कोई भी जयललिता से नहीं मिला था, वीडियो इस बात का सबूत है। चुनाव आयोग ने इस वीडियो का संज्ञान लिया है।
पी.वेत्रिवेल द्वारा जारी किए गए वीडियो में जयललिता अपोलो अस्पताल के बेड पर लेटी हुई हैं और टीवी चैनल देखती हुई नजर आ रही हैं। बता दें कि एआईएडीएमके के एक खेमे में जयललिता की मौत में साजिश का दावा किया जा रहा है।
वहीं जयललिता वीडियो मामले में डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि जयललिता की मौत न केवल रहस्यमय है बल्कि इस वीडियो के जारी होने के बाद सबसे नीचले स्तर तक का राजनीतिककरण किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इस वीडियो का आरके नगर बाईपोल पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
टीटीवी दिनाकरन वी.के.शशिकला के भतीजे हैं। दिनाकरन समर्थक पी.वेत्रिवेल ने कहा कि हमने इस वीडियो को जारी करने से पहले कई दिनों तक इंतजार किया। जांच कमिटी ने अभी तक हमें पूछताछ के लिए समन नहीं किया है, अगर करेगी तो हम उन्हें सबूत देंगे।
तमिलनाडु के आर.के. नगर में उपचुनाव हो रहे हैं। आर. के. नगर दिवंगत जयललिता का चुनावी क्षेत्र है। यहां 21 दिसंबर को मतदान होगा और 24 दिसंबर को मतगणना होगी।
वीडियो के प्रसारण पर रोक
तमिलनाडु के पूर्व स्पीकर डी जयकुमार ने पी वेत्रिवेल द्वारा जारी वीडियो पर आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने कहा है कि, आरके नगर उपचुनाव को प्रभावित करने के मकसद से वीडियो जारी किया गया है। इसे चुनाव से ठीक एक दिन पहले क्यों जारी किया गया, पहले क्यों नहीं जारी किया गया था। अब आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए चुनाव आयोग ने पी वेत्रिवेल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
चुनाव आयोग ने इस वीडियो का संज्ञान लिया है। चुनाव आयोग ने एक विज्ञप्ति जारी कर सभी टीवी चैनल और अखबार को इस वीडियो के नहीं प्रसारित करने को कहा है। चुनाव आयोग ने कहा है कि इस वीडियो के प्रसारण से या इस चर्चा से आर.के. नगर उपचुनाव प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित हो सकता है।
इससे पहले तमिलनाडु के मंत्री वेल्लामंडी नटराजन ने कहा था कि पिछले साल अस्पताल में जब जयललिता भर्ती थीं तो उन्हें उनसे नहीं मिलने दिया गया था। उन्होंने कहा कि जया के निधन की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय आयोग के समक्ष वह पेश होने के तैयार हैं।
बकौल नटराजन, 'मुझे अम्मा से नहीं मिलने दिया गया, जब वह अपोलो अस्पताल में थीं। हम सिर्फ अस्पताल की दूसरी मंजिल तक ही जा सके। इसके बाद किसी को भी उनके कमरे में जाने की अनुमति नहीं थी।' पर्यटन मंत्री नटराजन ने यह भी कहा कि वह जांच आयोग के समक्ष गवाही देने को तैयार हैं।
बता दें कि 22 सितंबर को जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने से 5 दिसंबर को अंतिम सांस लेने तक के मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने पिछले महीने मद्रास हाईकोर्ट के रिटायर जज जस्टिस ए. अरुमुगास्वामी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित कर दी है।
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