क्या बिहार में नीतीश होंगे NDA का चेहरा! LS चुनाव को ले आज साफ होगा JDU का स्टैंड
- In बिहार 8 July 2018 12:39 PM IST
हस्तिनापुर (दिल्ली) में रविवार को पाटलिपुत्र (पटना) की सियासत तय होगी। दिल्ली में रविवार को आयोजित जदनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव काे लेकर पार्टी का स्टैंड तय हो जाने की उम्मीद है।
बताया जा रहा है कि जदयू यह प्रस्ताव पारित कर सकता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का चेहरा होंगे। चुनाव में जदयू किलनी सीटें चाहती हैं, यह भी स्पष्ट हो जाने की उम्मीद है। विशेष राज्य का मुद्दा भी पार्टी के लिए अहम है। अगर इन मुद्दों पर बात नहीं बनी तो आश्चर्य नहीं कि बिहार में राजनीति फिर करवट बदले।
बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक हो रही है। यह बैठक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच 12 जुलाई को होने वाली बैठक से पहले हो रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में नीतीश कुमार की अमित शाह के साथ होने वाली बैठक के मुद्दे तय हो जाएंगे।
सीट शेयरिंग व चुनावी चेहरे पर चर्चा
राजग के दोनों बड़े सहयोगी दलों भाजपा प जेडीयू में सीट शेयरिंग व चुनावी चेहरे को लेकर तल्ख बयानबाजी हुई है। भाजपा व राजग के अन्य घटक दल जदयू के लिए 2014 के लोकसभा चुनाव को सीट शेयरिंग का आधार बनाना चाहते है, जबकि जदयू 2015 के विधानसभा चुनाव को आधार बनाना चाहता है। जदयू ने 2014 के लोकसभा चुनाव में केवल दो सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि राजग ने पीएम मोदी की लहर में 40 में से 31 सीटें जीत ली थीं। 2015 का विधानसभा चुनाव में जदयू ने राजद व कांग्रेस के साथ महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ा था और 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी। तब भाजपा को केवल 53 सीटें मिली थीं।
जदयू नीतीश कुमार को बिहार में चुनावी चहरा बनाना चाहता है। जबकि, कई भाजपा नेता कह रहे कि लोकसभा चुनाव का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने कहा कि 2014 के लोकसभा के नतीजे सीट शेयरिंग का आधार नहीं हो सकते क्योंकि उस समय जदयू किसी भी बड़े गठबंधन का हिस्सा नहीं था। इससे पहले जदयू ने 25 सीटों और भाजपा ने 15 सीटों पर का चुनाव लड़ा था। उन्होंने कहा कि 2015 का विधानसभा चुनाव सीट शेयरिंग का आधार हो सकता है। उसमें जदयू ने राजद व कांग्रेस के साथ महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ा था।
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि जदयू बिहार में बड़े भाई के रूप में ही चुनाव लड़ेगी। अर्थात् उसे चुनाव में बेहतर संख्या में सीटें तथा नीतीश कुमार का चुनावी चेहरा चाहिए। जदयू जानता है कि लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग का मुद्दा सुलझ गया तो आगे विधानसभा चुनाव में भी दिक्कत नहीं होगी।
विशेष राज्य का दर्जा भी अहम मुद्दा
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी जदयू के लिए बड़ा मुद्दा है। इसे लेकर भाजपा व जदयू के अलग-अलग मत सार्वजनिक होते रहे हैं। भाजपा नेता व पूर्व मंत्री डॉ. सीपी ठाकुर ने स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान प्रावधानों के तहत विशेष राज्य का दर्जा देना संभव ही नहीं है। दूसरी ओर जदयू का कहना है कि परिस्थितियों को देखते हुए प्रावधान बदले जा सकते हैं