नीतीश सरकार को झटका, SC के फैसले से कॉन्ट्रैक्ट शिक्षकों को राहत
- In बिहार 31 Jan 2018 11:20 AM IST
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सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने के लिए एक कमेटी बनाने और सभी वित्तीय पहलुओं का मूल्यांकन करने को कहा है। साथ ही इसे लागू करने के तरीकों पर सुझाव मांगे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके गोयल और यूयू ललित की खंडपीठ ने इस मामले में पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के लिए बिहार सरकार की याचिका नामंजूर कर दी है। पिछले साल 31 अक्टूबर को पटना हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे शिक्षक स्थीय सरकारी स्कूल टीचर की तरह ही वेतन और सुविधाओं के हकदार हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 मार्च की तारीख तय की है।
कोर्ट ने बिहार सरकार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी बनाने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने केंद्र सरकार के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल पीएस नरसिम्हा को भी निर्देश दिया कि सर्वशिक्षा अभियान के मद में केंद्र सरकार 60 फीसदी राशि देती है। ऐसे में कितनी राशि खर्च होती है, उसका ब्योरा दें।
कोर्ट ने बिहार सरकार की इस दलील पर आपत्ति जताई कि इन शिक्षकों की योग्यता सही तरीके से नहीं जांची गई। इस पर कोर्ट ने कहा की बिना योग्यता जांचे इनकी नियुक्ति कैसे की गई। वहीं शिक्षकों की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा में 23 फीसदी तक राशि खर्च करती थी, लेकिन अब 15 फीसदी तक की राशि खर्च कर रही है।