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मध्य प्रदेश: 15 साल की नाबालिग और 40 साल की महिला से गैंगरेप, मामला दर्ज

मध्य प्रदेश: 15 साल की नाबालिग और 40 साल की महिला से गैंगरेप, मामला दर्ज

देश में लगातार बलात्कार के...Editor

देश में लगातार बलात्कार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जबकि मध्य प्रदेश तो बलात्कार प्रदेश ही बनता जा रहा है। राज्य में एक बार फिर 15 साल की लड़की से गैंगरेप किया गया है। घटना मध्य प्रदेश में छत्तरपुर के बिजावार पुलिस स्टेशन के पास की है। पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है। फिलहाल आरोपी फरार है।

वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के बेतुल जिले की सोनाघाटी से भी गैंगरेप की खबर है। जहां एक 40 साल की महिला से 4 लोगों ने गैंगरेप किया है। इस घटना को सोनाघाटी के जंगलों में अंजाम दिया गया है। यह घटना 7 जुलाई की बताई जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 376 और 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

बच्चियों से बलात्कार के मामले में नंबर एक है मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में नाबालिगों से बलात्कार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बता दें कि पिछले दिनों मंदसौर से 7 साल की बच्ची के साथ दिल दहला देने वाली घटना का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि सतना से चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने और ऐसे मामलों को जल्द से जल्द निपटाने की मांग की है।

चौहान ने पत्र लिखकर कहा है कि बलात्कार जैसे मामलों ने आम आदमी को हिला कर रख दिया है। ऐसे मामलों में गंभीर सजा दिए जाने की जरूरत है और तेजी से निपटारे के लिए उच्च न्यायालयों को फास्ट ट्रैक की स्थापना कर मामलों की तेजी से सुनवाई करने की जरूरत है। उन्होंने सीजेआई से गुजारिश की है कि ऐसे मामलों को उच्च प्राथमिकता प्रदान किए जाने की जरूरत है।

इससे पहले 26 नवंबर 2017 को मध्यप्रदेश कैबिनेट ने बच्ची से रेप के मामले में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पास किया। जिसके तहत 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ रेप करने का दोषी पाए जाने पर गुनहगारों को मौत की सजा दिए जाने की घोषणा भी की। रेप के मामलों में इस तरह का सख्त कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया लेकिन फिर भी वहां रेप के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है।

वहीं अगर सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो मध्यप्रदेश बच्चियों और औरतों से बलात्कार के मामले में देश में पहले नंबर पर है। पिछले साल मध्यप्रदेश में 2,467 बच्चियों के साथ रेप की घटनाएं दर्ज हुईं, जो की देशभर में बच्चियों के साथ हुई रेप की वारदातों की कुल संख्या का आधा है। इनमें से 90 फीसदी मामलों में परिवार का कोई सदस्य या फिर कोई नजदीकी वारदात का आरोपी था।

एनसीआरबी के ताजा आंकड़ें

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश सिर्फ बलात्कार के मामलों में आगे होने के लिए कुख्यात नहीं है, बल्कि कथित तौर पर नाबालिगों द्वारा किए गए रेप के मामलों में भी सबसे आगे है। साल 2016 में नाबालिगों के खिलाफ मध्यप्रदेश में 442 रेप केस दर्ज किए गए, जबकि महाराष्ट्र में 258 और राजस्थान में 159 रेप केस दर्ज हुए।

अभी तक प्रदेश महिलाओं के लिए असुरक्षित था लेकिन अब यह बच्चियों के लिए काल बनता जा रहा है। बच्चियां कितनी असुरक्षित हैं इस तथ्य को आंकड़े बयां करते हैं। मध्यप्रदेश में पिछले साल रोजाना कम से कम 37 बच्चे भयंकर अपराधों के शिकार बने। 2016 में राज्य में बच्चों के खिलाफ कुल 13,746 अपराध की घटनाएं दर्ज की गईं। उत्तर प्रदेश में 16,079 और महाराष्ट्र में 14,559 घटनाओं के बाद मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर था।

चिंताजनक बात यह है कि मध्यप्रदेश में बच्चों के खिलाफ अपराध पिछले साल की तुलना में बढ़ गए हैं। 2015 में ऐसे 12,859 मामले थे, जो कि 2014 में दर्ज 15,085 मामलों की तुलना में गिरावट के तौर पर देखे गए, लेकिन यह एक बार फिर से तेजी से बढ़ा है। मध्यप्रदेश में 132 बच्चों की हत्या हुई और 40 बच्चों की हत्या की कोशिश की गई, जो कि फिर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के क्रमशः 506 और 162 दर्ज मामलों के बाद सबसे ज्यादा है।

मध्य प्रदेश में 6,016 छात्रों का अपहरण हुआ जो कि फिर तीसरा सबसे ज्यादा है। करीब 1,554 नाबालिग लड़कियों को अगवा कर शादी के लिए बाध्य किया गया, इस मामले में भी उत्तर प्रदेश के बाद देश में दूसरे नंबर पर है मध्यप्रदेश।

कुल मिलाकर पिछले साल पूरे देश में 10.6 लाख बच्चे अपराध के शिकार हुए। उत्तर प्रदेश में 4,954 और महाराष्ट्र में 4,815 के बाद तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश में 4,717 पोक्सो एक्ट के तहत मामले दर्ज हुए।

मध्यप्रदेश में 132 बच्चों की हत्या हुई और 40 बच्चों की हत्या की कोशिश की गई, जो कि फिर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के क्रमशः 506 और 162 दर्ज मामलों के बाद सबसे ज्यादा है।

मध्य प्रदेश में 6,016 छात्रों का अपहरण हुआ जो कि फिर तीसरा सबसे ज्यादा है। करीब 1,554 नाबालिग लड़कियों को अगवा कर शादी के लिए बाध्य किया गया, इस मामले में भी उत्तर प्रदेश के बाद देश में दूसरे नंबर पर है मध्यप्रदेश।

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