बलिया: कुर्सी का कवर बदलने को लेकर टेंट व्यवसायी की हत्या, पुलिस के हत्थे चढ़े तीन आरोपित

हल्दी थाना पुलिस ने अजीत सिंह हत्या कांड के तीन आरोपियों को शांति नगर तिराहे के पास घेराबंदी कर पकड़ा

बलिया: कुर्सी का कवर बदलने को लेकर टेंट व्यवसायी की हत्या, पुलिस के हत्थे चढ़े तीन आरोपित
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बलिया में हल्दी थाना पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली जब बुधवार सुबह तीन ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जिन्हें टेंट व्यवसायी अजीत कुमार सिंह उर्फ बोधा की हत्या और शव को गंगा नदी में छिपाने के आरोप में तलाशा जा रहा था। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के निर्देश पर चलाए जा रहे अभियान के दौरान यह कार्रवाई की गई और पुलिस टीम ने शांति नगर तिराहे के पास हिकमत से घेराबंदी कर तीनों को पकड़ लिया।

यह मामला पिछले हफ्ते तब सामने आया जब परसिया गांव के चंदन कुमार सिंह ने अपने भाई अजीत की गुमशुदगी और फिर हत्या का आरोप लगाते हुए हल्दी थाने में प्रार्थना पत्र दिया। अजीत गांव मझौवा में एक शादी में टेंट लगाने गए थे और वहीं रात में रुके थे। करीब एक बजे कुर्सी और सोफे के खोल बदलने को लेकर विवाद बढ़ा और पुलिस के अनुसार पियूष कुमार सिंह, अनीष कुमार सिंह और अंकुर सिंह ने मिलकर अजीत को मार डाला। इसके बाद, जैसा कि शिकायत में बताया गया, तीनों ने शव को गंगापुर घाट के पास गंगा नदी में फेंक दिया और मोटरसाइकिल से बांधकर डुबाने की कोशिश की।

जांच आगे बढ़ रही थी कि आज सुबह पुलिस को मुखबिर से पता चला कि तीनों वांछित आरोपी वसुधरपाह जाने वाली सड़क पर किसी वाहन का इंतजार कर रहे हैं। सूचना भरोसेमंद लगी तो टीम पहुंची और मुखबिर ने दूर से संकेत किया। पुलिस ने बिना समय गंवाए घेरा डाला और सभी को पकड़ लिया। पहले आरोपी ने अपना नाम पियूष कुमार सिंह बताया। दूसरे ने अनीष कुमार सिंह और तीसरे ने अंकुर सिंह के रूप में अपनी पहचान दी। तीनों के नाम मुकदमे में पहले से वांछित के रूप में दर्ज थे, इसलिए उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस टीम ने गिरफ्तारी के दौरान सर्वोच्च न्यायालय और मानवाधिकार आयोग के दिशा निर्देशों का पालन किया और पूरे मामले का पंचनामा तैयार करने के बाद आरोपियों को न्यायालय भेज दिया।

पुलिस ने बताया कि पियूष की उम्र लगभग 43 साल है, जबकि अनीष 24 और अंकुर 22 वर्ष के हैं। तीनों गांव मझौवा के निवासी हैं और मामले में बीएनएस की धारा 103 और 238क के तहत कार्रवाई की गई है। टीम में प्रभारी निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद सिंह, उपनिरीक्षक धर्मबीर यादव, उपनिरीक्षक मनीराम, हेड कांस्टेबल राकेश पाल, हेड कांस्टेबल संतोष मिश्रा, कांस्टेबल जितेंद्र कुमार और कांस्टेबल रवि गुप्ता शामिल रहे।

घटना ने गांव में तनाव का माहौल बना दिया है और मृतक के परिवार को अभी भी भरोसा नहीं हो पा रहा कि एक मामूली विवाद ने उनके घर का सहारा छीन लिया। पुलिस अब तक हत्या की पूरी साजिश, घटना के सही क्रम और नदी में शव ले जाने के लिए इस्तेमाल हुए तरीकों की जांच कर रही है। आगे की कार्रवाई में पुलिस यह जानने की कोशिश करेगी कि क्या किसी और ने इस काम में मदद की या यह तीनों ने मिलकर ही किया।
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