सुख तो बेवफा है आता है जाता है...' | कादर खान के 10 दमदार डॉयलाग्स
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5. 'ऐसे तोहफे (बंदूकें) देने वाला दोस्त नहीं होता है, तेरे बाप ने 40 साल मुंबई पर हुकूमत की है इन खिलौनों के बल पर नहीं, अपने दम पर.' - अंगार (1992)
6. 'दारू पीता नहीं है अपुन, क्योंकि मालूम है दारू पीने से लीवर खराब हो जाता है, लीवर.'- सत्ते पे सत्ता (1982), यह डॉयलाग्स अमिताभ शराब के नशे में बोलते हैं.
7. 'विजय दीनानाथ चौहान, पूरा नाम, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उम्र 36 साल 9 महीना 8 दिन और ये सोलहवां घंटा चालू है.' - अग्निपथ (1990)
8. 'तुम्हें बख्शीश कहां से दूं, मेरी गरीबी का तो ये हाल है कि किसी फकीर की अर्थी को कंधा दूं तो वो उसे अपनी इंसल्ट मान कर अर्थी से कूद जाता है.'- बाप नंबरी बेटा दस नंबरी (1990) में चालाक ठग का किरदार निभाने वाले कादर का एक मशहूर सीन है यह.
9. 'कहते हैं किसी आदमी की सीरत अगर जाननी हो तो उसकी सूरत नहीं उसके पैरों की तरफ देखना चाहिए, उसके कपड़ों को नहीं उसके जूतों की तरफ देख लेना चाहिए.'- हम (1991) में कादर खान का डबल रोल था और आर्मी कर्नल के किरदार में यह डायलॉग उन्होंने बोले थे.