Video: मलाला के जन्मदिन पर रिलीज किया गया उनकी बायोपिक 'गुल मकई' का First Look
परंपरागत लिबास और सिर पर दुपट्टा, देखने में वह अपनी उम्र की किसी आम लड़की जैसी ही लगती है, लेकिन दृढ़ निश्चय से भरी आंखें... यह है सबसे कम उम्र में नोबल पुरस्कार हासिल करने वाली पाकिस्तान की मलाला युसुफजई, जिनकी जिंदगी पर जल्द ही एक फिल्म भी सामने आ रही है. आज (12 जुलाई) मलाला अपना 21वां जन्मदिन मना रही है और इसी दिन मलाला की बायोपिक का पहला लुक रिलीज किया गया है. मलाला पर यह फिल्म निर्देशक अमजद खान ला रहे हैं. इसके पहले लुक में अपने स्कूल जाती और खेलती मलाला को दिखाया गया है.
'गुल मकई' टाइटल की इस फिल्म के पहले लुक में एक्ट्रेस दिव्या दत्ता की आवाज में मलाला के नाम के पीछे की कहानी बताई गई है. दरअसल मलाला गुल मकई नाम से ही बीबीसी में अपने लेख लिखा करती थीं. मलाला 11 साल की उम्र में पाकिस्तान के खूबसूरत इलाके स्वात में तालिबान के जुल्मों की दास्तान बीबीसी पर 'गुल मकई' के छदम नाम से हर हफ्ते लिखती थीं. आप भी देखिए मलाला की इस बायोपिक का टीजर.
बता दें कि मलाला की डायरी जनवरी से मार्च 2009 के बीच दस किस्तों में बीबीसी उर्दू की वेबसाइट पर पोस्ट हुई और दुनियाभर में तहलका मच गया. हालांकि कुछ समय तक यह रहस्य ही बना रहा कि गुल मकई आखिर है कौन, लेकिन दिसंबर 2009 में गुल मकई की हकीकत खुलने के बाद 11 बरस की नन्ही सी मलाला तालिबान के निशाने पर आ गई. तालिबान ने मलाला को धमकाने और रोकने की कई कोशिश की, लेकिन जब यह नन्हीं सी बच्ची नहीं रुकी तो 9 अक्टूबर 2012 को तालिबानी दहशतगर्द उस बस में घुस गए जिसमें 14 साल की मलाला युसूफजई इम्तिहान देकर लौट रही थी. उन्होंने मलाला के सिर पर गोली मार दी. पाकिस्तान और फिर लंदन में इलाज से मलाला की जान बच गई और इस हमले पर उनके इरादों को और मजबूत कर दिया.