लइलाज नाटक को मिली दर्शकों की सराहना: पंकज त्रिपाठी बोले—आशी ने तीन शो में दिखाया शानदार अभिनय विकास

थियेटर मंच पर नई प्रतिभा को सामने लाने के उद्देश्य से पंकज त्रिपाठी और मृदुला त्रिपाठी के बैनर रूपकथा रंगमंच ने अपने पहले नाट्य प्रोडक्शन ‘लइलाज’ को पेश किया है। यह नाटक नवंबर में मुंबई में आयोजित शुरुआती प्रदर्शनों के साथ दर्शकों के बीच पहुंचा, जहाँ इसे उम्मीद से कहीं अधिक सराहना मिली। शो के बाद दर्शकों की प्रतिक्रियाओं और समीक्षाओं ने निर्माताओं और कलाकारों का उत्साह और बढ़ा दिया है।
नाटक के विशेष प्रदर्शन के बाद बातचीत में पंकज त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी आशी त्रिपाठी को मंच पर एक कलाकार के रूप में देखने की कोशिश की, न कि एक पिता की नज़र से। उनका कहना था कि मंच पर कलाकार को परखना बेहद जिम्मेदारी का काम होता है, और वे इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए पूरी तरह एक प्रोफेशनल अभिनेता की तरह बैठे थे।
जब उनसे पूछा गया कि आशी ने आलोचनाओं और सुझावों को किस तरह स्वीकार किया, तो पंकज मुस्कुराते हुए बोले कि उनकी बेटी ने हर प्रतिक्रिया को गंभीरता से सुना और तुरंत उसे अपने प्रदर्शन में शामिल भी किया। उन्होंने कहा, “तीसरे शो तक उसके अभिनय में जो निखार आया, वह मेरे लिए आश्चर्य से कम नहीं था। मुझे लगा जैसे वह मुझसे भी ज्यादा पैनी हो गई है। हमारे समय में गुरुओं द्वारा समझाई गई बातें अपनाने में एक–दो साल लग जाते थे, लेकिन उसने वही सीख तीन शो में हासिल कर ली।“
उन्होंने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी में समझने और पकड़ने की क्षमता पहले से कहीं अधिक तेज हो गई है। यह पीढ़ी आधुनिक, तकनीकी तौर पर उन्नत और बेहद संवेदनशील है, लेकिन इसके साथ ही वे जिन मानसिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करते हैं, वे भी उतनी ही जटिल होती जा रही हैं।
‘लइलाज’ के माध्यम से थिएटर जगत को एक नई, युवा और संवेदनशील कलाकार मिली है, जबकि रूपकथा रंगमंच ने अपने पहले ही प्रोडक्शन से यह दिखा दिया है कि उनका लक्ष्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सशक्त और सार्थक कला प्रस्तुत करना है। दर्शकों और समीक्षकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया से टीम अब देश के अन्य शहरों में भी शो ले जाने की तैयारी कर रही है।
