इस देश ने Whatsapp, Facebook, Twitter यूज करने पर लगाया टैक्स, घटे लाखों यूजर्स

इस देश ने Whatsapp, Facebook, Twitter यूज करने पर लगाया टैक्स, घटे लाखों यूजर्स
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सोशल मीडिया के यूजर्स भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। Facebook, Twitter जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के यूजर्स भारत ही नहीं दुनियाभर में बढ़ते जा रहे हैं। इस आधुनिक दौर में लोग अपना खाली समय सोशल मीडिया पर ही बिताते हैं। लेकिन अगर आपको कहा जाए कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर आपको टैक्स देना पड़ेगा तो आप हैरान रह जाएंगे। खास तौर पर अगर भारत जैसे देश में सोशल मीडिया पर टैक्स देना पड़े तो लोग सरकार का विरोध भी कर सकते हैं। लेकिन एक ऐसा भी देश है जहां लोगों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने पर टैक्स देना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि युगांडा में सोशल मीडिया पर टैक्स लगाया जा चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युगांडा में सोशल मीडिया पर टैक्स लगने के बाद से 2018 की एक तिमही में करीब 30 लाख लोगों ने इंटरनेट का इस्तेमाल करना बंद कर दिया है। युगांडा में बीते साल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म चलाने पर टैक्स की घोषणा कर दी गई थी। इसमें Whatsapp, Facebook और Twitter जैसे प्लेटफॉर्म्स शामिल हैं।

इस समय युगांडा में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली कुल आबादी में से आधी आबादी सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने पर टैक्स अदा कर रही है। यहां सोशल मीडिया पर टैक्स लगाने के पीछे देश के सरकारी राजस्व को बढ़ाना है। इस पूर्वी अफ्रिकी देश में बेहद गरीबी है, जिसकी वजह से सरकार ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर टैक्स लगा दिया है। लेकिन इसका असर यहां के इंटरनेट यूजर्स पर पड़ा है। चिंता करने वाली बात यह है कि टैक्स लगने के बाद से इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या दिनों-दिन घटती जा रही है।

युगांडा कम्यूनिकेशन कमिशन के मुताबिक, अभी उन्होंने जुलाई से सितंबर 2018 तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। गौर करने वाली बात यह है कि जो टैक्स अदा करके सेवा का इस्तेमाल कर रहे थे उनकी संख्या में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। यह संख्या जुलाई 2018 में 80 लाख थी और सितंबर में 68 लाख पर पहुंच गई थी। हालांकि इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों से मिलने वाले टैक्स में भी गिरावट दर्ज की गई है जो संख्या जुलाई 5.60 अरब थी वह सितंबर में 3.96 अरब पर आकर रुकी। वहीं, इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 1.6 करोड़ जुलाई में थी और सितंबर में यह संख्या 1.35 करोड़ पर आ गई।

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