ISRO कल लॉन्च करेगा भारत का सबसे भारी सैटेलाइट,
- In गैजेट्स 4 Dec 2018 1:36 PM IST
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) कल अब तक का सबसे भारी उपग्रह (सैटेलाइट) GSAT-11 अंतरिक्ष में भेजेगा। इस उपग्रह को दक्षिण अमेरिका के फ्रेंच गुयाना स्पेस सेंचर से फ्रांस के एरियन-5 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया जाएगा। आपको बता दें कि इसरो का यह अब तक का सबसे ज्यादा वजनी सैटेलाइट है जिसका वजन 5,845 किलोग्राम है। यूरोपीयन स्पेस ट्रांसपोर्टर Arianespace के मुताबिक यह सैटेलाइट भारतीय समय के अनुसार रात के 2.07am और 3.23am के बीच 5 दिसंबर को लॉन्च किया जाएगा। इसरो का यह उपग्रह अगर सही सलामत अंतरिक्ष में स्थापित हो जाता है तो 14gbps की स्पीड से इंटरनेट मिलेगी और टेलिकॉम सेक्टर के लिए यह एक वरदान साबित हो सकता है। आइए, जानते हैं इस GSAT-11 सैटेलाइट की खास बातों को
GSAT-11 एक उच्च क्षमता का सैटेलाइट है जो Ku-बैंड और Ka-बैंड फ्रीक्वेंसी में 40 ट्रांसपोंडर्स को एक साथ ले जा सकता है।
इस सैटेलाइट की उम्र 15 वर्ष है और इसमें 4 मीटर का सोलर पैनल लगा है जिसकी साइज लगभग एक कमरे के बराबर है।
इस सैटेलाइट से 14gbps की स्पीड से डाटा ट्रांसफर किया जा सकेगा।
इस सैटेलाइट की मदद से भारतीय उपमहाद्वीप में मल्टी-स्पॉट बीम का कवरेज मिलेगा। जो यूजर्स को Insat/GSAT सैटेलाइट सिस्टम के मुकाबले ज्यादा प्रभाव छोड़ेगा।
यह सैटेलाइट नेक्स्ट जेनरेशन ऐप्लीकेशन्स के लिए एक मजबूत प्लेटफार्म तैयार करेगा।
ISRO के चेयरमैन के सिवान के मुताबिक, ISRO के चारों थ्रो-पुट सैटेलाइट की मदद से देश की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी अगले साल तक 100gbps तक पहुंच जाएगी। आपको बता दें कि ISRO GSAT-19 और GSAT-29 सैटेलाइट्स को पहले ही लॉन्च कर चुका है। जबकि GSAT-20 को अगले साल लॉन्च किया जाएगा। इन चारों सैटेलाइट्स के लॉन्च होने के बाद देश में हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी जो देश के ग्रामीण इलाकों को डिजिटल प्लेटफार्म के लिए सशक्त करेगा।
आपको बता दें कि इस समय दक्षिण कोरिया में सबसे फास्ट इंटरनेट स्पीड मिलता है। दक्षिण कोरिया में इस समय 28.6mbps की स्पीड से इंटरनेट सेवा दी जाती है। वहीं, भारत का दुनिया में 89वां स्थान है। भारत में इंटरनेट की औसत स्पीड 6.5mbps है। इसरो के चेयरमैन ने कुछ महीने पहले बताया कि भारत सरकार ने 10,990 करोड़ रुपये का बजट अगले चार साल के स्पेस मिशन के लिए अलॉट किया है। इसरो इन 4 सालों में 50 स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने की तैयारी में है।