बरसात के साथ बढ़ रहा है हैजा का खतरा, जानिए बचाव के उपाय

बारिश ने देश के कई हिस्सों में भले ही गर्मी से राहत दी हो, लेकिन इसने हैजा जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा दिया है। मुंबई और गुजरात जैसे राज्यों में बरसात के शुरुआती दिनों में ही हैजा के कई मामले सामने आ चुके हैं।
हैजा एक जानलेवा बीमारी है जो दूषित पानी और भोजन के सेवन से फैलती है। यह बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जो आंतों को संक्रमित करती है।
हैजा के लक्षण:
1.पतले दस्त: हैजा का सबसे आम लक्षण है पानी जैसा दस्त, जो बार-बार होता है।
2.उल्टी: तेज उल्टी और जी मिचलाना भी हैजा का लक्षण हो सकता है।
3.निर्जलीकरण: दस्त और उल्टी से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे निर्जलीकरण हो सकता है।
4.अन्य लक्षण: बुखार, मांसपेशियों में ऐंठन, चक्कर आना और थकान भी हैजा के लक्षण हो सकते हैं।
हैजा से बचाव:
•साफ-सफाई: सबसे महत्वपूर्ण बचाव है साफ-सफाई का ध्यान रखना।
•पानी: हमेशा साफ पानी पीएं और उबला हुआ या पानी की बोतल का पानी ही इस्तेमाल करें।
•भोजन: ताजा और पका हुआ भोजन ही खाएं।
•हाथ धोना: खाना खाने से पहले और शौचालय जाने के बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
•टीका: हैजा से बचाव के लिए टीका भी लगवाया जा सकता है।
हैजा का इलाज:
1.हैजा का इलाज जल्दी शुरू करना बहुत जरूरी है। इलाज में ORS घोल, दवाएं और अस्पताल में भर्ती शामिल हो सकते हैं।
2.हैजा एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है। यदि आपको हैजा के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
यह भी ध्यान रखें:
•हैजा खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है।
•गर्भवती महिलाओं को भी हैजा का खतरा ज्यादा होता है।
•बाढ़ और असुरक्षित जल स्रोतों वाले इलाकों में हैजा का खतरा ज्यादा होता है।
हैजा से बचाव के लिए जागरूकता फैलाना और सुरक्षा के उपाय करना बहुत जरूरी है।
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उपरोक्त लेख में उल्लिखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।