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हाइपोथायरायडिज्म क्या खाएं, क्या ना खाएं?

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  •  28 Jun 2024 6:23 PM IST

हाइपोथायरायडिज्म क्या खाएं, क्या ना खाएं?

हाइपोथायरायडिज्म एक ऐसी बीमारी...PS

हाइपोथायरायडिज्म एक ऐसी बीमारी है जिसमें थायराइड ग्रंथि द्वारा पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं होता है। यह हार्मोन शरीर के चयापचय को नियंत्रित करता है। थायराइड हार्मोन की कमी से थकान, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, त्वचा का रूखापन, और ठंड लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों के लिए डाइट:


हाइपोथायरायडिज्म को नियंत्रित करने के लिए एक स्वस्थ और संतुलित आहार का पालन करना महत्वपूर्ण है।


यहां कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जो हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं:


1.आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ: आयोडीन थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आवश्यक है। आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों में नमक, समुद्री भोजन, अंडे और डेयरी उत्पाद शामिल हैं।


2.सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थ: सेलेनियम थायराइड हार्मोन के चयापचय में मदद करता है। सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थों में ब्राजील के मेवे, मछली, मांस और अनाज शामिल हैं।


3.टाइरोसिन युक्त खाद्य पदार्थ: टाइरोसिन एक अमीनो एसिड है जो थायराइड हार्मोन के निर्माण के लिए आवश्यक है। टाइरोसिन युक्त खाद्य पदार्थों में मांस, मछली, अंडे, डेयरी उत्पाद, और फलियां शामिल हैं।


4.विटामिन डी: विटामिन डी थायराइड हार्मोन के कार्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों में तैलीय मछली, अंडे की जर्दी और मशरूम शामिल हैं।


5.फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ: फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ पाचन में सुधार करने में मदद करते हैं, जो हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों में फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल हैं।


हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों को जिन चीजों से परहेज करना चाहिए:


•सोया उत्पाद: सोया उत्पादों में गोइट्रोजेन नामक पदार्थ होते हैं जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन में हस्तक्षेप कर सकते हैं।


•ग्लूटेन: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि ग्लूटेन हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को बदतर बना सकता है।


•कैफीन: कैफीन थायराइड हार्मोन के अवशोषण में हस्तक्षेप कर सकता है।


•शराब: शराब लीवर के कार्य को बाधित कर सकती है, जो थायराइड हार्मोन के चयापचय को प्रभावित कर सकता है।


•प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में अक्सर चीनी, नमक और अस्वास्थ्यकर वसा की मात्रा अधिक होती है, जो हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को बदतर बना सकती है।


यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक सामान्य जानकारी है। हाइपोथायरायडिज्म के लिए कोई भी खास डाइट प्लान अपनाने से पहले आपको अपने डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह लेनी चाहिए।


डॉक्टर आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर एक डाइट प्लान बना सकते हैं, जो आपके हाइपोथायरायडिज्म को नियंत्रित करने और आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा।


अस्वीकरण: publickhabar.com पर प्रकाशित सभी स्वास्थ्य संबंधी लेखों को तैयार करते समय सावधानी बरती गई है। ये लेख केवल पाठकों की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए लिखे गए हैं। publickhabar.com लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना के लिए किसी भी तरह का दावा या जिम्मेदारी नहीं लेता है।


उपरोक्त लेख में उल्लिखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।



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