गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप (जेस्टेशनल हाइपरटेंशन), लक्षण और खतरे
- In Health 6 July 2024 5:37 PM IST
गर्भावस्था, एक खूबसूरत अनुभव होने के साथ-साथ, कुछ स्वास्थ्य जटिलताओं को भी जन्म दे सकती है। इनमें से एक है जेस्टेशनल हाइपरटेंशन, जिसे गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है। यह स्थिति, यदि समय रहते इसका पता नहीं लगाया जाता है और इलाज नहीं किया जाता है, तो मां और बच्चे दोनों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।
जेस्टेशनल हाइपरटेंशन क्या है?
गर्भावस्था के दौरान, रक्तचाप में थोड़ी वृद्धि होना आम बात है। लेकिन, यदि रक्तचाप 140/90 mmHg या उससे अधिक हो जाता है और यह 20 सप्ताह के बाद पहली बार होता है, तो इसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन माना जाता है। यह स्थिति आमतौर पर प्रसव के बाद अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है।
जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के लक्षण:
अधिकांश मामलों में, जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। यही कारण है कि नियमित प्रसवपूर्व जांच करवाना महत्वपूर्ण है, ताकि रक्तचाप की जांच की जा सके और इस स्थिति का जल्द पता लगाया जा सके।
हालांकि, कुछ मामलों में, निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
•सिरदर्द
•धुंधली दृष्टि
•चेहरे, हाथों या पैरों में सूजन
•तेजी से वजन बढ़ना
•पेशाब में प्रोटीन
•मतली या उल्टी
•पेट में दर्द
जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के खतरे:
1.यदि जेस्टेशनल हाइपरटेंशन का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है, जिनमें शामिल हैं:
2.प्री-एक्लेम्पसिया: यह एक गंभीर स्थिति है जो उच्च रक्तचाप और मूत्र में प्रोटीन की विशेषता है। यह मां के लिए यकृत, गुर्दे और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है, और बच्चे के लिए विकास में देरी या मृत जन्म का कारण बन सकता है।
3.हेलप सिंड्रोम: यह प्री-एक्लेम्पसिया की एक गंभीर जटिलता है जो लाल रक्त कोशिकाओं को नुकसान, यकृत की समस्याओं और कम प्लेटलेट काउंट का कारण बन सकती है।
4.गर्भाशय से प्लेसेंटा का समय से पहले अलग होना: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें प्लेसेंटा गर्भाशय से समय से पहले अलग हो जाता है, जिससे बच्चे को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
5.सी-सेक्शन: जेस्टेशनल हाइपरटेंशन वाली महिलाओं में सी-सेक्शन की आवश्यकता अधिक होती है।
जेस्टेशनल हाइपरटेंशन का इलाज:
जेस्टेशनल हाइपरटेंशन का इलाज रक्तचाप को कम करने और जटिलताओं को रोकने पर केंद्रित है। इसमें आमतौर पर जीवनशैली में बदलाव और दवाएं शामिल हैं।
●जीवनशैली में बदलाव:
●आराम: पर्याप्त आराम करें, खासकर यदि आप थके हुए या कमजोर महसूस कर रहे हैं।
●स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन से भरपूर आहार खाएं।
●नमक का सेवन कम करें: नमक का सेवन कम करें, क्योंकि यह रक्तचाप बढ़ा सकता है।
●वजन कम करें: यदि आप अधिक वजन वाली हैं, तो वजन कम करने से रक्तचाप कम करने में मदद मिल सकती है।
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