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टेस्ट ट्यूब बेबी, एक विस्तृत समझ

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  •  21 Aug 2024 5:25 PM IST

टेस्ट ट्यूब बेबी, एक विस्तृत समझ

आजकल बच्चे पैदा करने के तरीकों...PS

आजकल बच्चे पैदा करने के तरीकों में काफी बदलाव आ रहा है। इनमें से एक तरीका है इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी आईवीएफ। आईवीएफ एक ऐसी तकनीक है जिसमें महिला और पुरुष के अंडे और शुक्राणु को प्रयोगशाला में मिलाकर एक भ्रूण बनाया जाता है। इस भ्रूण को फिर महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। इस प्रक्रिया से जन्मे बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है।


आईवीएफ क्यों किया जाता है?


1.बांझपन: आईवीएफ उन दंपतियों के लिए एक आशा की किरण है जो प्राकृतिक तरीके से गर्भ धारण नहीं कर पाते।


2.अंडाशय संबंधी समस्याएं: जिन महिलाओं के अंडाशय ठीक से काम नहीं करते हैं, उनके लिए आईवीएफ एक विकल्प हो सकता है।


3.शुक्राणु संबंधी समस्याएं: जिन पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या कम होती है या वे गतिहीन होते हैं, उनके लिए भी आईवीएफ एक विकल्प हो सकता है।


4.फैलोपियन ट्यूब में रुकावट: यदि महिला की फैलोपियन ट्यूब में कोई रुकावट है तो आईवीएफ के माध्यम से गर्भधारण किया जा सकता है।


5.अन्य कारण: अन्य कई कारणों से भी आईवीएफ की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि एंडोमेट्रियोसिस, पुरुष बांझपन, या बार-बार गर्भपात।


आईवीएफ की प्रक्रिया:


●अंडाणु और शुक्राणु का संग्रह: महिला से अंडाणु और पुरुष से शुक्राणु एकत्र किया जाता है।


●निषेचन: प्रयोगशाला में अंडाणु और शुक्राणु को मिलाकर निषेचन कराया जाता है।


●भ्रूण का विकास: निषेचित अंडाणु यानी भ्रूण को कुछ दिनों तक प्रयोगशाला में विकसित होने दिया जाता है।


●भ्रूण का प्रत्यारोपण: विकसित भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।


●गर्भावस्था की पुष्टि: कुछ हफ्तों बाद गर्भावस्था की पुष्टि के लिए एक परीक्षण किया जाता है।


आईवीएफ के फायदे:


○बांझपन का इलाज: यह उन दंपतियों के लिए एक प्रभावी उपचार है जो प्राकृतिक तरीके से गर्भ धारण नहीं कर पाते।


○कई भ्रूणों को जमा करने की सुविधा: अतिरिक्त भ्रूण को भविष्य में उपयोग के लिए जमा किया जा सकता है।


○आनुवंशिक बीमारियों का पता लगाना: आईवीएफ के दौरान भ्रूण में आनुवंशिक बीमारियों का पता लगाया जा सकता है।


आईवीएफ के नुकसान:


■महंगा: आईवीएफ एक महंगा उपचार है।


■शारीरिक और मानसिक तनाव: आईवीएफ प्रक्रिया शारीरिक और मानसिक रूप से तनावपूर्ण हो सकती है।


■बहुगर्भधारण का खतरा: कई बार एक से अधिक भ्रूण गर्भाशय में प्रत्यारोपित किए जाते हैं, जिससे बहुगर्भधारण का खतरा बढ़ जाता है।


■सफलता की गारंटी नहीं: आईवीएफ हमेशा सफल नहीं होता है।


आईवीएफ एक जटिल चिकित्सा प्रक्रिया है। यदि आप आईवीएफ करवाने की सोच रहे हैं, तो आपको एक अनुभवी प्रजनन विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।


अस्वीकरण: publickhabar.com पर प्रकाशित सभी स्वास्थ्य संबंधी लेखों को तैयार करते समय सावधानी बरती गई है। ये लेख केवल पाठकों की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए लिखे गए हैं। publickhabar.com लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना के लिए किसी भी तरह का दावा या जिम्मेदारी नहीं लेता है।


उपरोक्त लेख में उल्लिखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

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