एमपॉक्स का बढ़ता खतरा, भारत में क्या है स्थिति?
- In Health 15 Sept 2024 6:35 PM IST
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बार फिर एमपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। भारत में भी इस बीमारी के मामले सामने आ चुके हैं, हालांकि ये मुख्यतः कम गंभीर क्लैड-2 वेरिएंट के हैं। फिर भी, दुनिया भर में इस वायरस का तेजी से फैलाव चिंता का विषय बना हुआ है।
भारत में एमपॉक्स की स्थिति
भारत में एमपॉक्स के मामलों की संख्या अभी तक नियंत्रण में है। अधिकांश मामले विदेश यात्रा के इतिहास वाले व्यक्तियों में पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और आवश्यक कदम उठा रहा है।
एमपॉक्स के लक्षण
एमपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
* बुखार
* सिरदर्द
* थकान
* सूजे हुए लिम्फ नोड्स
* दाने: ये दाने शरीर के विभिन्न हिस्सों पर निकल सकते हैं और ये चकत्ते, फफोले और पपड़ी बनने के चरणों से गुजरते हैं।
एमपॉक्स का संक्रमण कैसे होता है?
एमपॉक्स का संक्रमण मुख्यतः संक्रमित व्यक्ति के त्वचा के घावों, श्लेष्म झिल्ली या संक्रमित जानवरों के साथ सीधे संपर्क में आने से होता है। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति के श्वास या संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है।
एमपॉक्स से बचाव के उपाय
* स्वच्छता: नियमित रूप से हाथ धोएं, विशेष रूप से खाने से पहले, शौचालय का उपयोग करने के बाद और किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद।
* सामाजिक दूरी: संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
* मास्क पहनें: भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
* टीकाकरण: यदि आप उच्च जोखिम वाले समूह में हैं तो टीकाकरण करवाएं।
* स्वास्थ्य सेवाएं: यदि आपको एमपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में एमपॉक्स को नियंत्रित करने के लिए सतर्कता बरतनी जरूरी है। लोगों को स्वच्छता और सामाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन करना चाहिए। साथ ही, सरकार को भी निगरानी और टीकाकरण अभियानों को मजबूत करना चाहिए।
एमपॉक्स एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इससे बचा जा सकता है। यदि आप स्वच्छता और सावधानी बरतते हैं तो आप इस बीमारी से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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उपरोक्त लेख में उल्लिखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।