फेफड़ों का कैंसर, मिथकों को तोड़ें जानें सच्चाई
- In Health 18 Sept 2024 5:44 PM IST
फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। इस बीमारी के बारे में कई मिथक प्रचलित हैं जो लोगों को सही जानकारी से दूर रखते हैं। आइए इन मिथकों को तोड़ते हैं और फेफड़ों के कैंसर के बारे में सही जानकारी हासिल करते हैं।
मिथक 1: फेफड़ों का कैंसर सिर्फ धूम्रपान करने वालों को होता है।
सच्चाई: हालांकि धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है। रेडॉन गैस के संपर्क में आना, एस्बेस्टस, और कुछ रसायनों के संपर्क में आना भी फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है। इसके अलावा, कुछ लोगों में फेफड़ों के कैंसर का कोई स्पष्ट कारण नहीं पाया जाता है।
मिथक 2: फेफड़ों के कैंसर का पता चलने पर देर हो चुकी होती है।
सच्चाई: अगर फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती चरण में पता चल जाता है तो इसका इलाज संभव है। नियमित स्वास्थ्य जांच और लक्षणों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
मिथक 3: फेफड़ों के कैंसर का इलाज संभव नहीं है।
सच्चाई: फेफड़ों के कैंसर का इलाज संभव है और यह कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। शुरुआती चरण में इसका पता चल जाए तो पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है। यहां तक कि दूसरी स्टेज तक भी फेफड़ों के कैंसर के वक्त पर इलाज से इसे मात दी जा सकती है।
मिथक 4: फेफड़ों के कैंसर के लक्षण हमेशा स्पष्ट होते हैं।
सच्चाई: फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरण में लक्षण बहुत ही हल्के हो सकते हैं या बिल्कुल भी न हों। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, लक्षणों की तीव्रता बढ़ सकती है।
मिथक 5: फेफड़ों के कैंसर का इलाज बहुत महंगा होता है।
सच्चाई: फेफड़ों के कैंसर का इलाज जरूर महंगा हो सकता है, लेकिन कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठन इस बीमारी के इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं।
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण
* लगातार खांसी
* खांसी में खून आना
* सांस लेने में तकलीफ
* छाती में दर्द
* वजन कम होना
* थकान
* आवाज में बदलाव
फेफड़ों के कैंसर के बारे में फैले मिथकों पर विश्वास न करें। नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं और अगर आपको कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जितनी जल्दी इस बीमारी का पता चल जाएगा, उतना ही आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है।
धूम्रपान छोड़ना फेफड़ों के कैंसर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
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