एसोफैगल कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव
- In Health 24 Sept 2024 4:04 PM IST
एसोफैगल कैंसर एक गंभीर प्रकार का कैंसर है जो खाद्य पाइप (एसोफैगस) को प्रभावित करता है। एसोफैगस वह नली होती है जो मुंह से पेट तक भोजन को ले जाती है। इस कैंसर के कारण खाने को निगलने में कठिनाई, छाती में दर्द और वजन कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
एसोफैगल कैंसर के लक्षण
1. खाने को निगलने में कठिनाई: यह लक्षण सबसे पहले दिखाई देने वाला होता है। खाने को निगलने में दर्द या तकलीफ हो सकती है।
2. छाती में दर्द: छाती में जलन या दर्द हो सकता है जो खाने को निगलने पर बढ़ सकता है।
3. वजन कम होना: अनजाने में वजन कम होना एक चिंताजनक संकेत हो सकता है।
4. खांसी: लगातार खांसी आना।
5. आवाज में बदलाव: आवाज बैठ जाना या कर्कश हो जाना।
6. खून की उल्टी: कुछ मामलों में खून की उल्टी या मल में खून आ सकता है।
एसोफैगल कैंसर के कारण
* धूम्रपान: धूम्रपान एसोफैगल कैंसर का सबसे बड़ा कारण है।
* शराब का सेवन: अधिक मात्रा में शराब पीना भी इस कैंसर का खतरा बढ़ाता है।
* अस्वस्थ खानपान: अधिक तली-भुनी चीजें, जंक फूड और चीनी का सेवन।
* एसिड रिफ्लक्स: लंबे समय तक एसिड रिफ्लक्स रहना भी एसोफैगल कैंसर का कारण बन सकता है।
* बारेट्स एसोफैगस: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें एसोफैगस की अंदरूनी परत में बदलाव हो जाते हैं और यह एसोफैगल कैंसर का खतरा बढ़ाता है।
एसोफैगल कैंसर का निदान
एसोफैगल कैंसर का निदान के लिए डॉक्टर कई तरह के परीक्षण करते हैं, जैसे:
* एंडोस्कोपी: इस परीक्षण में एक पतली ट्यूब को मुंह के रास्ते एसोफैगस में डाला जाता है ताकि डॉक्टर एसोफैगस की अंदरूनी परत को देख सकें।
* बायोप्सी: इस परीक्षण में एसोफैगस के ऊतक का एक छोटा सा नमूना लिया जाता है और उसकी जांच की जाती है।
एसोफैगल कैंसर का इलाज
एसोफैगल कैंसर का इलाज कैंसर के स्टेज और मरीज की सामान्य स्थिति पर निर्भर करता है। इलाज में शामिल हो सकते हैं:
* सर्जरी: कैंसर वाले हिस्से को निकालना।
* कीमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवाओं का उपयोग करना।
* रेडियोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए विकिरण का उपयोग करना।
एसोफैगल कैंसर से बचाव
* धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान छोड़ना एसोफैगल कैंसर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
* शराब का सेवन कम करें: शराब का सेवन कम से कम करें या पूरी तरह से छोड़ दें।
* स्वस्थ आहार: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों को अपनी डाइट में शामिल करें।
* एसिड रिफ्लक्स का इलाज: अगर आपको एसिड रिफ्लक्स है तो इसका इलाज करवाएं।
* नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं।
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