खर्राटो का स्वास्थ्य पर असर और स्लीप एपनिया का खतरा
- In Health 15 Oct 2024 2:44 PM IST
खर्राटे केवल रात की शांति को भंग नहीं करते; वे आपकी सेहत के लिए गंभीर खतरे का संकेत भी हो सकते हैं। स्लीप एपनिया नामक स्थिति में, खर्राटे लेने वाले व्यक्ति के सोते समय सांस लेने में रुकावट आ सकती है, जिससे जीवन पर गंभीर असर पड़ सकता है। आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।
स्लीप एपनिया क्या है?
स्लीप एपनिया एक नींद विकार है जिसमें सोते समय व्यक्ति की सांस कुछ सेकंड के लिए रुक जाती है। यह स्थिति नींद के दौरान बार-बार होने वाली होती है और इससे नींद का पैटर्न बिगड़ जाता है। यह ना केवल खर्राटे के माध्यम से बल्कि सांस रुकने के अनुभव के साथ भी जुड़ा होता है।
इसके प्रकार
1. ओब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA): यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें गले की मांसपेशियों का अधिक ढीला होना सांस में रुकावट का कारण बनता है।
2. सेंट्रल स्लीप एपनिया: इस स्थिति में मस्तिष्क सांस लेने के संकेतों को सही तरीके से नहीं भेजता।
3. संयुक्त स्लीप एपनिया: यह दोनों प्रकारों का संयोजन होता है।
स्लीप एपनिया के लक्षण
स्लीप एपनिया के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
•रात में जोर से खर्राटे लेना
•नींद में सांस रुकने की अनुभूति
•दिन के समय थकान और नींद आना
•ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
•मूड में बदलाव और चिड़चिड़ापन
स्लीप एपनिया का स्वास्थ्य पर असर
▪︎स्लीप एपनिया का उपचार न कराने पर स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे:
▪︎हृदय संबंधी समस्याएँ: यह उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है।
▪︎मेटाबॉलिक सिंड्रोम: वजन बढ़ना, शुगर लेवल में बदलाव, और कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि।
▪︎मस्तिष्क संबंधी समस्याएँ: ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और याददाश्त में कमी।
स्लीप एपनिया से बचाव
स्लीप एपनिया से बचने और इसके प्रभावों को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
1. वजन प्रबंधन: स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
2. नींद की स्थिति: सोने के लिए एक ऐसा पोजिशन चुनें, जो खर्राटों को कम करे, जैसे कि एक तरफ सोना।
3. धूम्रपान और शराब से बचें: ये चीजें गले की मांसपेशियों को ढीला कर सकती हैं।
4. डॉक्टर से परामर्श: यदि खर्राटे अधिक गंभीर हैं, तो विशेषज्ञ से जांच कराएं।
खर्राटे केवल एक असुविधा नहीं, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। स्लीप एपनिया के लक्षणों की पहचान करना और उचित उपाय करना आवश्यक है। अपनी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाकर आप अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आप या आपका कोई करीबी खर्राटों से परेशान है, तो डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
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