Home > Health > कैल्शियम की कमी और हाइपोकैल्सीमिया, जानें इसके प्रभाव और कारण

कैल्शियम की कमी और हाइपोकैल्सीमिया, जानें इसके प्रभाव और कारण

  • In Health
  •  1 Nov 2024 3:25 PM IST

कैल्शियम की कमी और हाइपोकैल्सीमिया, जानें इसके प्रभाव और कारण

शरीर में कैल्शियम की कमी केवल...PS

शरीर में कैल्शियम की कमी केवल हड्डियों को कमजोर करने का कारण नहीं बनती, बल्कि यह हाइपोकैल्सीमिया नामक गंभीर मस्तिष्क संबंधी स्थिति का भी कारण बन सकती है। आइए जानते हैं कि हाइपोकैल्सीमिया क्या है और यह हमारे मस्तिष्क पर कैसे प्रभाव डालता है।


हाइपोकैल्सीमिया क्या है?


हाइपोकैल्सीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में कैल्शियम का स्तर सामान्य से कम होता है। कैल्शियम शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है, जो न केवल हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक है, बल्कि यह मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सुचारू कार्य के लिए भी जरूरी है। कैल्शियम की कमी से मांसपेशियों की संकुचन और तंत्रिका आवेग में गड़बड़ी हो सकती है।


हाइपोकैल्सीमिया के लक्षण


1. थकान: व्यक्ति को जल्दी थकान महसूस होती है, जिससे दैनिक कार्यों में कठिनाई हो सकती है।

2. मांसपेशियों में दर्द: हाइपोकैल्सीमिया से मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन हो सकती है।

3. जुनूनी विचार: मस्तिष्क पर कैल्शियम के कम स्तर का प्रभाव होने से मानसिक स्वास्थ्य में गड़बड़ी हो सकती है, जैसे चिंता और अवसाद।

4. तंत्रिका संबंधी समस्याएं: हाइपोकैल्सीमिया से व्यक्ति में तंत्रिका संबंधी समस्याएं विकसित हो सकती हैं, जैसे झुनझुनी या सुन्नपन।


हाइपोकैल्सीमिया का मस्तिष्क पर प्रभाव


1. संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली में कमी: कैल्शियम की कमी से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी आ सकती है, जिससे काम में बाधा आती है।

2. मूड में बदलाव: मानसिक तनाव और अवसाद के लक्षण बढ़ सकते हैं, जिससे व्यक्ति का सामान्य मूड प्रभावित होता है।

3. दृष्टि और सुनने में समस्या: गंभीर मामलों में, हाइपोकैल्सीमिया दृष्टि और सुनने पर भी प्रभाव डाल सकता है।


बचाव के उपाय


●सही आहार: हरी पत्तेदार सब्जियां, डेयरी उत्पाद, नट्स और सीड्स कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं। इन्हें अपने आहार में शामिल करें।

●धूप लेना: विटामिन डी शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है। धूप में समय बिताने से विटामिन डी का स्तर बढ़ता है।

●सप्लीमेंट्स: यदि आहार से कैल्शियम की कमी हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह पर कैल्शियम सप्लीमेंट्स ले सकते हैं।


हाइपोकैल्सीमिया केवल हड्डियों के लिए खतरा नहीं है, बल्कि यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। उचित आहार और जीवनशैली के बदलाव से इस स्थिति को रोका जा सकता है। यदि आप हाइपोकैल्सीमिया के लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और कैल्शियम के स्तर को बनाए रखें!

अस्वीकरण: publickhabar.com पर प्रकाशित सभी स्वास्थ्य संबंधी लेखों को तैयार करते समय सावधानी बरती गई है। ये लेख केवल पाठकों की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए लिखे गए हैं। publickhabar.com लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना के लिए किसी भी तरह का दावा या जिम्मेदारी नहीं लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लिखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।


Share it
Top