दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण, जानिए दिल और फेफड़ों पर इसके गंभीर प्रभाव और बचाव के उपाय
- In Health 6 Nov 2024 3:30 PM IST
दिल्ली में बढ़ता वायु प्रदूषण अब एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुका है। यहां के नागरिक हर रोज़ जहरीली हवा का सामना कर रहे हैं, जो न केवल उनके फेफड़ों को प्रभावित कर रही है, बल्कि दिल पर भी खतरनाक असर डाल रही है। धुंआ और प्रदूषित कणों से भरी हवा से सांस लेना अब लोगों के लिए रोज़ की समस्या बन गई है। प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियों में तो वृद्धि हो रही है, साथ ही दिल की बीमारियों, खासकर हार्ट अटैक के मामलों में भी खतरनाक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इस लेख में हम जानेंगे कि प्रदूषण का दिल और फेफड़ों पर क्या असर पड़ता है और इससे बचने के क्या तरीके हो सकते हैं।
1. वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर प्रभाव
वायु प्रदूषण में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, और पैटिकुलेट मैटर (PM 2.5) जैसी खतरनाक गैसें और कण होते हैं। ये तत्व हमारे शरीर में प्रवेश कर, खासकर फेफड़ों और हृदय प्रणाली पर गंभीर प्रभाव डालते हैं।
● फेफड़ों पर असर
धूल, धुआं और अन्य प्रदूषक तत्व जब हम सांस के साथ अपने शरीर में लेते हैं, तो ये सीधे फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं। लंबे समय तक इन प्रदूषकों के संपर्क में रहने से फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, क्रॉनिक obstructive pulmonary disease (COPD) जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
● दिल पर प्रभाव
वायु प्रदूषण का दिल पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। प्रदूषित हवा में मौजूद छोटे कण रक्त धारा में घुल सकते हैं, जिससे दिल की धमनियों में सूजन, रक्त का थक्का जमना और दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है। लगातार प्रदूषण का सामना करने से रक्तचाप बढ़ने और कोरोनरी आर्टरी रोग (धमनियों में रुकावट) का खतरा भी बढ़ जाता है।
● हृदयाघात (हार्ट अटैक) का खतरा बढ़ता है
धुंआ और प्रदूषित कणों के संपर्क में आने से दिल की धमनियों में सूजन आ सकती है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है और दिल की मांसपेशियों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। इस स्थिति को समय रहते पहचानना मुश्किल होता है, लेकिन इससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कई शोधों में यह पाया गया है कि प्रदूषण से जुड़े जोखिम कारकों के कारण दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर घटनाएं हो सकती हैं।
3. वायु प्रदूषण से बचने के उपाय
हालांकि वायु प्रदूषण से बचाव पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर हम इसके हानिकारक प्रभावों से अपनी सेहत को बचा सकते हैं:
1. घर के अंदर रहकर सुरक्षा
जब हवा बहुत अधिक प्रदूषित हो, तो घर के अंदर रहना सबसे सुरक्षित विकल्प है। घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें, और वायु शुद्धिकरण उपकरण (एयर प्यूरीफायर) का इस्तेमाल करें। इससे घर के अंदर की हवा को स्वच्छ रखा जा सकता है।
2. मास्क का उपयोग करें
जब भी बाहर जाएं, तो प्रदूषण से बचने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला मास्क पहनें, खासकर उन क्षेत्रों में जहां प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक हो। एन95 या एफएफपी2 मास्क सबसे प्रभावी होते हैं, जो हवा में घुले प्रदूषण कणों को आपके श्वसन तंत्र से दूर रखते हैं।
3. स्वस्थ आहार अपनाएं
स्वस्थ आहार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बचाता है। विटामिन-सी, विटामिन-ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर आहार को अपनी डाइट में शामिल करें। यह आपकी हृदय और फेफड़ों की रक्षा कर सकता है।
4. व्यायाम और शारीरिक गतिविधि
प्रदूषण के कारण यदि आप बाहर ज्यादा समय नहीं बिता सकते, तो घर के अंदर हल्का व्यायाम करें। यह आपके दिल और फेफड़ों की सेहत को बनाए रखने में मदद करेगा। इसके अलावा, तनाव को कम करने और मानसिक स्थिति को बेहतर रखने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करें।
5. नियमित मेडिकल चेकअप
यदि आप दिल्ली जैसे प्रदूषित शहर में रहते हैं, तो नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप करवाना बेहद जरूरी है। यह आपको किसी भी स्वास्थ्य समस्या को समय रहते पहचानने और उसे ठीक करने में मदद करेगा। खासकर यदि आप पहले से ही हृदय या श्वसन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, तो इन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
दिल्ली जैसे प्रदूषित शहरों में वायु प्रदूषण का असर सिर्फ सांस और दिल पर ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर पर पड़ता है। प्रदूषित हवा से बचने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव करना होगा। धूप में समय बिताना, घर के अंदर सुरक्षित रहना, मास्क पहनना, और स्वस्थ आहार अपनाना, ये सभी उपाय प्रदूषण के प्रभाव से बचने में मदद कर सकते हैं। समय रहते इन उपायों को अपनाकर हम अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं।
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