अर्जुन कपूर ने साझा किया अपना स्वास्थ्य संघर्ष, हाशिमोटो डिजीज और डिप्रेशन के बारे में किया खुलासा
- In Health 8 Nov 2024 5:05 PM IST
बॉलीवुड के अभिनेता अर्जुन कपूर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण खुलासा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वे हाशिमोटो डिजीज (Hashimoto's Disease) से पीड़ित हैं। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम के थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करने की वजह से होती है। अर्जुन ने यह भी साझा किया कि इस बीमारी के कारण उन्हें वजन बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि वे माइल्ड डिप्रेशन (Mild Depression) से जूझ रहे हैं, और इसके इलाज के लिए वे थेरेपी ले रहे हैं।
इस लेख में हम हाशिमोटो डिजीज और इसके लक्षणों के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि यह बीमारी कितनी गंभीर हो सकती है।
हाशिमोटो डिजीज: क्या है यह?
हाशिमोटो डिजीज एक प्रकार की ऑटोइम्यून विकार है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करता है। यह बीमारी थायरॉयड ग्लैंड को नुकसान पहुँचाती है, जो शरीर में हार्मोन के संतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब थायरॉयड ग्लैंड सामान्य रूप से काम नहीं करता, तो शरीर के विभिन्न हिस्सों में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
हाशिमोटो बीमारी अक्सर धीमी गति से बढ़ती है और इसका पता कई वर्षों बाद चलता है।
हाशिमोटो के लक्षण:
इस बीमारी के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे विकसित होते हैं, जिससे मरीज को इसके बारे में पता चलने में समय लग सकता है। हाशिमोटो डिजीज के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
1. वजन बढ़ना:
हाशिमोटो का सबसे सामान्य लक्षण अचानक वजन बढ़ना है, जो बिना किसी स्पष्ट कारण के होता है। शरीर के मेटाबोलिज्म की गति धीमी हो जाती है, जिससे कैलोरी बर्न नहीं हो पाती और वजन बढ़ने लगता है। अर्जुन कपूर ने भी इसी समस्या का सामना करने का उल्लेख किया है।
2. थकान और सुस्ती:
थायरॉयड हार्मोन का कमी से शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है, जिसके कारण व्यक्ति को लगातार थकान और सुस्ती महसूस होती है।
3. सर्दी और ठंड का महसूस होना:
हाशिमोटो वाले लोग अक्सर ठंड के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं, और उन्हें ज्यादा ठंड का एहसास होता है, भले ही वातावरण सामान्य हो।
4. त्वचा और बालों में बदलाव:
इस बीमारी के कारण त्वचा रूखी और बेजान हो सकती है, और बालों में झड़ने की समस्या भी बढ़ सकती है।
5. मूड स्विंग्स और डिप्रेशन:
हाशिमोटो से जुड़ा एक और लक्षण है मानसिक स्थिति में बदलाव। अर्जुन कपूर ने माइल्ड डिप्रेशन का सामना करने का भी खुलासा किया है, जो इस बीमारी का एक सामान्य प्रभाव हो सकता है। शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण मूड स्विंग्स और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है।
6. कंस्टीपेशन (कब्ज) और पाचन समस्या:
हाशिमोटो के मरीजों को अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज का सामना करना पड़ सकता है।
डिप्रेशन और थेरेपी: अर्जुन का व्यक्तिगत अनुभव
अर्जुन कपूर ने यह भी साझा किया कि वे माइल्ड डिप्रेशन से जूझ रहे हैं और इसके इलाज के लिए थेरेपी का सहारा ले रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य अब समाज में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है, और अर्जुन ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की है, जिससे यह संदेश जाता है कि मानसिक बीमारी से लड़ना भी उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक बीमारी से।
थेरेपी और मानसिक स्वास्थ्य के इलाज में अक्सर व्यक्ति को अपनी भावनाओं और विचारों को साझा करने की जरूरत होती है, जो डिप्रेशन की समस्या को हल करने में मदद कर सकता है।
हाशिमोटो डिजीज का इलाज और प्रबंधन:
हाशिमोटो डिजीज का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके इलाज के लिए थायरॉयड हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी दी जाती है, जिसमें शरीर में थायरॉयड हार्मोन का स्तर सामान्य बनाए रखा जाता है। इसके अलावा, आहार, व्यायाम और जीवनशैली में सुधार से भी इस बीमारी को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।
दवाइयाँ:
हाशिमोटो के मरीजों को सामान्यत: थायरॉयड हार्मोन की कमी को पूरा करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं। यह दवाइयाँ शरीर में हार्मोन का स्तर सामान्य बनाए रखती हैं।
आहार:
पौष्टिक आहार का सेवन और आयोडीन युक्त भोजन हाशिमोटो के इलाज में सहायक हो सकते हैं। साथ ही, अधिक फाइबर और कम प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
व्यायाम:
नियमित व्यायाम से शरीर के मेटाबोलिज्म को गति मिलती है और वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।
अर्जुन कपूर का स्वास्थ्य के बारे में यह खुलासा न केवल उनके फैंस के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि यह इस बात को भी साबित करता है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बात करना बेहद जरूरी है। हाशिमोटो डिजीज और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को यह समझने की जरूरत है कि इन समस्याओं का इलाज संभव है और समय पर उपचार से जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। अर्जुन कपूर की तरह हमें भी अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी बीमारी के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए ताकि हम उसे सही समय पर पहचान सकें और इलाज करवा सकें।
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