आपके दिल की धड़कन, थम सकती है, दौड़ना पसंद है तो बरतें सावधानी...
- In विदेश 5 Jun 2019 11:58 AM IST
बात मैराथन की हो, किसी दौड़ प्रतियोगिता की या सामान्य कसरत की, आमतौर पर इन सबको सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। खासकर दिल के लिए इन गतिविधियों को सेहतमंद कहा जाता है।
लेकिन क्या आपने सोचा है कि मैराथन दौड़ते-दौड़ते दिल की धड़कन रुक भी सकती है। अमेरिका में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं, जब मैराथन दौड़ते-दौड़ते कोई धावक कार्डियक अरेस्ट (दिल की धड़कन अचानक रुक जाना) का शिकार हो गया। अमेरिका के कनेक्टिकट स्थित हार्टफोर्ड हॉस्पिटल के डॉ. पॉल डी थॉमसन ने कहा, 'आमतौर पर व्यायाम किसी व्यक्ति में दिल की बीमारी के खतरे को कम करते हैं।' मैराथन के मामले में स्थिति थोड़ी अलग है। एक अनुमान के मुताबिक, एक लाख मैराथन धावकों में से किसी एक को ही आगे चलकर कार्डियक अरेस्ट का खतरा रहता है। लेकिन मैराथन दौड़ते समय यह खतरा करीब दोगुना हो जाता है। मैराथन दौड़ते समय 57,000 में से एक व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट का खतरा रहता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मैराथन दौड़ने का उत्साह और दौड़ के कारण पड़ने वाले तनाव से दिल पर दबाव बढ़ जाता है। यही दबाव कार्डियक अरेस्ट की वजह बनता है। इसलिए अगर दौड़ते समय कुछ अजीब लगे, सीने में दर्द हो या चक्कर आए, तो तुरंत रुक जाना चाहिए और चिकित्सक से सलाह भी लेनी चाहिए।
प्रौढ़ लोगों को रहता है ज्यादा खतरा- 2000 से 2010 के बीच अमेरिका में फुल या हाफ मैराथन दौड़ते हुए 59 लोगों को कार्डियक अरेस्ट हुआ था। इनमें से 51 लोगों की उम्र 45 से 65 केबीच थी। 2012 में ही एक अन्य अध्ययन में भी यह सामने आया था कि मैराथन के दौरान प्राय: इसी उम्र सीमा के लोग कार्डियक अरेस्ट का शिकार होते हैं। इनमें से ज्यादातर को मैराथन के आखिरी चार मील की दूरी में कार्डियक अरेस्ट हुआ।
दौड़ पूरी करने से कम हो जाता है खतरा- इस तरह की दौड़ को पूरा कर लेने वालों में आगे चलकर दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। 2014 में अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, न दौड़ने वालों की तुलना में धावकों में दिल की बीमारियों के कारण मौत की आशंका 45 फीसद तक कम हो जाती है। धावक नियमित रूप से दौड़ता हो या कभी-कभार ही दौड़े, दिल की बीमारियों का खतरा कम ही रहता है।