पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार: इमरान खान
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत के साथ उनके देश के संबंध शायद अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. उन्होंने आशा जताई कि पीएम नरेंद्र मोदी कश्मीर सहित सभी मतभेदों को हल करने के लिए अपने प्रचंड जनादेश का उपयोग करेंगे. खान और मोदी दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के लिए किर्गिज गणराज्य की राजधानी बिश्केक में हैं.
बिश्केक के लिए रवाना होने से पहले रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक को दिए एक इंटरव्यू में खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने उन्हें दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारतीय नेतृत्व के साथ बात करने का अवसर दिया है. खान ने कहा कि एससीओ सम्मेलन ने पाकिस्तान को भारत सहित अन्य देशों के साथ अपना संबंध विकसित करने के लिए एक नया मंच दिया है. उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं.
खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है और अपने सभी पड़ोसियों, खासतौर पर भारत के साथ शांति की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि तीन छोटे युद्धों ने दोनों देशों को इस कदर नुकसान पहुंचाया कि वे अभी भी गरीबी के भंवर जाल में फंसे हुए हैं.
गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष खान के बीच किसी द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है. वहीं, खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो बार पत्र लिख कर सभी मुद्दों पर वार्ता बहाल करने की अपील की है.
मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी वार्ता के दौरान सीमा पार से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और कहा कि भारत वार्ता बहाली के लिए आतंक मुक्त माहौल बनाने के मकसद से पाक द्वारा ठोस कार्रवाई किए जाने की करता है. खान ने कहा कि मुख्य जोर शांति बहाल करने और वार्ता के जरिए मतभेदों को दूर करने पर होना चाहिए.