पैनिक अटैक, डर और बेचैनी का मिश्रण
- In लाइफस्टाइल 22 Feb 2024 7:39 PM IST
अचानक डर पैदा होना
दुनिया में ऐसी कई बीमारियाँ हैं जो लोगों को मृत्यु का डर दिखा सकती हैं। उनमें से एक है पैनिक अटैक, जो अचानक डर और बेचैनी का तूफान लाता है। यह डर इतना तीव्र होता है कि मौत का भय व्यक्ति को घेर लेता है। यह कब और कहां भी हो सकता है, जिससे व्यक्ति भयभीत और असहाय महसूस करता है।
पैनिक अटैक के लक्षण
पैनिक अटैक के लक्षण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
तेज़ धड़कन: दिल की धड़कन अचानक बढ़ जाती है, जिससे व्यक्ति को घबराहट महसूस होती है।
सांस फूलना: सांस लेने में तकलीफ, दम घुटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
सीने में दर्द: सीने में दबाव, दर्द या जलन महसूस हो सकती है।
पसीना और कंपन: शरीर में पसीना आने लगता है और हाथ-पैर कांपने लगते हैं।
चक्कर आना: बेहोशी या चक्कर आने की संभावना भी बढ़ जाती है।
मृत्यु का भय: डर इतना तीव्र होता है कि व्यक्ति को मृत्यु का भय सताने लगता है।
पैनिक अटैक के कारण
पैनिक अटैक के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
तनाव: तीव्र तनाव और चिंता पैनिक अटैक का प्रमुख कारण हो सकता है।
आनुवंशिकी: यदि परिवार में किसी को पैनिक अटैक की समस्या है, तो आपको भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
कुछ दवाएं: कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव के रूप में भी पैनिक अटैक हो सकता है।
शारीरिक बीमारियां: कुछ शारीरिक बीमारियां, जैसे कि हृदय रोग या थायरॉयड समस्याएं, भी पैनिक अटैक का कारण बन सकती हैं।
नशीली दवाओं का सेवन: नशीली दवाओं का सेवन भी पैनिक अटैक को ट्रिगर कर सकता है।
बचाव के उपाय:
पैनिक अटैक से बचने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं:
तनाव कम करें: तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान, व्यायाम, और गहरी सांस लेने का अभ्यास करें।
पर्याप्त नींद लें: हर रात 7-8 घंटे की नींद लेने से तनाव कम होता है और पैनिक अटैक का खतरा कम होता है।
स्वस्थ भोजन करें: पौष्टिक भोजन खाएं और कैफीन, शराब और नशीली दवाओं से दूर रहें।
नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम तनाव कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
समर्थन प्राप्त करें: परिवार और दोस्तों से बात करें और यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक से सहायता लें।
उपचार का मार्ग:
पैनिक अटैक का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
थेरेपी: मनोचिकित्सक से बात करने से आपको अपने डर को समझने और उनसे निपटने में मदद मिल सकती है।
दवाएं: कुछ मामलों में, डॉक्टर एंटी-डिप्रेसेंट या एंटी-एंग्जायटी दवाएं लिख सकते हैं।
जीवनशैली में बदलाव: स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से पैनिक अटैक के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
पैनिक अटैक से डरने की नहीं, समझने की आवश्यकता है। यदि आपको लगता है कि आपको पैनिक अटैक हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
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