महिलाओं के लिए मासिक चक्र की महत्वपूर्ण जानकारी
- In लाइफस्टाइल 7 March 2024 6:03 PM IST
मासिक चक्र क्या है?
मासिक चक्र एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर महिला के जीवन में होती है। यह प्रक्रिया गर्भाशय के अस्तर को तैयार करती है ताकि गर्भावस्था हो सके। यदि गर्भधारण नहीं होता है, तो अस्तर टूट जाता है और रक्तस्राव के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है। यह चक्र हर 21 से 35 दिनों में दोहराता है।
मासिक चक्र कब शुरू होता है?
मासिक चक्र आमतौर पर 10 से 16 वर्ष की आयु के बीच शुरू होता है। इसे "मेनार्चे" भी कहा जाता है। कुछ लड़कियों में यह पहले या बाद में भी शुरू हो सकता है।
मासिक चक्र के दौरान क्या होता है?
मासिक चक्र को चार चरणों में विभाजित किया जाता है:
रजस्वला (Menstruation): यह चक्र का पहला दिन है जब रक्तस्राव होता है। यह आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहता है।
फॉलिक्युलर चरण (Follicular phase): इस चरण में, अंडाशय में अंडे विकसित होते हैं। यह चक्र के 6 से 14 दिनों तक रहता है।
ओवुलेशन (Ovulation): यह चक्र का वह दिन होता है जब अंडाशय से अंडा निकलता है। यह चक्र का 14 वां दिन होता है।
ल्यूटियल चरण (Luteal phase): यदि अंडे का निषेचन नहीं होता है, तो यह टूट जाता है और शरीर से बाहर निकल जाता है। यह चक्र के 15 से 28 दिनों तक रहता है।
मासिक चक्र के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
स्वच्छता: मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से स्नान करें और पैड या टैम्पोन बदलते रहें।
पौष्टिक भोजन: पौष्टिक भोजन खाएं जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दुग्ध उत्पाद शामिल हों।
व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करें। यह दर्द को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
तनाव कम करें: तनाव मासिक धर्म के लक्षणों को बदतर बना सकता है। योग, ध्यान या गहरी सांस लेने के व्यायाम तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
मासिक धर्म के दौरान क्या सावधानी रखें?
कैफीन और अल्कोहल से बचें: कैफीन और अल्कोहल मासिक धर्म के लक्षणों को बदतर बना सकते हैं।
धूम्रपान न करें: धूम्रपान मासिक धर्म के लक्षणों को बदतर बना सकता है और प्रजनन क्षमता को भी कम कर सकता है।
अत्यधिक व्यायाम से बचें: अत्यधिक व्यायाम मासिक धर्म के लक्षणों को बदतर बना सकता है।
मासिक धर्म के दर्द के घरेलू उपाय:
गर्म पानी की सिकाई: पेट या पीठ पर गर्म पानी की सिकाई करने से दर्द से राहत मिल सकती है।
आराम: पर्याप्त आराम करें और थकान से बचें।
मालिश: पेट या पीठ की मालिश करने से दर्द से राहत मिल सकती है।
अदरक: अदरक दर्द को कम करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
हल्दी: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
पुदीना: पुदीना पेट की ऐंठन को कम करने में मदद कर सकता है।
मासिक चक्र एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर महिला के जीवन में होती है। यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी रखें।
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