होली, मिलावट वाले रंगों से रहे सावधान
- In लाइफस्टाइल 14 March 2024 4:07 PM IST
होली का त्यौहार रंगों और खुशियों का त्यौहार है। लेकिन इस त्यौहार में इस्तेमाल किए जाने वाले रंग कई बार मिलावटी होते हैं, जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन रंगों में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन त्वचा को एलर्जी, जलन, खुजली और लालिमा पैदा कर सकते हैं। गंभीर मामलों में, इन रंगों से त्वचा पर छाले भी हो सकते हैं।
रंगों से त्वचा पर होने वाले नुकसान से बचने के लिए:
हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें: हर्बल रंगों में रसायन नहीं होते हैं और वे त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं।
रंगों को खरीदने से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें: लेबल पर रंगों की सामग्री और उनके प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई होती है।
रंगों को लगाने से पहले त्वचा पर तेल या मॉइस्चराइज़र लगाएं: इससे रंग त्वचा को सीधे नहीं छूएगा और नुकसान कम होगा।
रंगों को आंखों और नाक में जाने से बचाएं: रंगों को आंखों और नाक में जाने से एलर्जी और जलन हो सकती है।
होली खेलने के बाद त्वचा को अच्छी तरह से धोएं: त्वचा पर रंगों को ज्यादा देर तक न रहने दें।
रंगों से त्वचा पर नुकसान होने पर:
त्वचा को पानी से धोएं: रंगों को त्वचा पर ज्यादा देर तक न रहने दें।
एलोवेरा जेल या ठंडी सिकाई करें: इससे त्वचा को जलन और खुजली से राहत मिलेगी।
यदि एलर्जी या जलन गंभीर हो तो डॉक्टर से संपर्क करें: डॉक्टर आपको उचित उपचार बताएंगे।
घर में गुलाल बनाने की विधि:
चुकंदर: चुकंदर को उबालकर उसका रस निकाल लें। इस रस को सूखने दें और फिर इसे पीसकर गुलाल बना लें।
हल्दी: हल्दी को पानी में उबालकर उसका गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सूखने दें और फिर इसे पीसकर गुलाल बना लें।
बेसन: बेसन में हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और पानी मिलाकर गुलाल बना लें।
होली का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है। इस त्यौहार को सुरक्षित और खुशी-खुशी मनाने के लिए मिलावट वाले रंगों से बचें और हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें।
होली खेलते समय पानी का दुरुपयोग न करें। शराब का सेवन न करें। सड़कों पर हुड़दंग न करें।