साइनस क्या है, कारण और उपाय
- In लाइफस्टाइल 18 April 2024 11:00 PM IST
साइनस चेहरे की हड्डियों में स्थित खोखली जगहें होती हैं जो हवा से भरी होती हैं। ये नाक मार्ग से जुड़ी होती हैं और श्वसन तंत्र का हिस्सा होती हैं।
साइनस के प्रकार:
मैक्सिलरी साइनस: ये सबसे बड़े साइनस होते हैं और आंखों के नीचे स्थित होते हैं।
फ्रंटल साइनस: ये माथे के बीच में स्थित होते हैं।
एथमॉइड साइनस: ये नाक के बीच में स्थित होते हैं।
स्फेनॉइड साइनस: ये खोपड़ी के आधार पर स्थित होते हैं।
साइनस का कार्य:
हवा को गर्म और मॉइस्चराइज करना: जब हम सांस लेते हैं, तो हवा नाक मार्ग से होकर साइनस में प्रवेश करती है। साइनस हवा को गर्म करते हैं और इसे नम करते हैं, जिससे फेफड़ों में जाने वाली हवा को नुकसान से बचाने में मदद मिलती है।
बलगम का उत्पादन: साइनस बलगम का उत्पादन करते हैं जो नाक और गले को नम रखने में मदद करता है।
संक्रमण से बचाना: साइनस में मौजूद बलगम और सिलिया नामक छोटे बाल नाक और गले में प्रवेश करने वाले धूल, गंदगी और एलर्जी के कणों को फंसाने में मदद करते हैं, जिससे संक्रमण से बचाता है।
साइनसाइटिस:
साइनसाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें साइनस में सूजन और जलन होती है। यह आमतौर पर वायरल, जीवाणु या फंगल संक्रमण के कारण होता है।
साइनसाइटिस के लक्षण:
नाक बंद होना: नाक से बलगम का बहना या नाक बंद होना।
चेहरे में दर्द या दबाव: आंखों, नाक, गालों या माथे में दर्द या दबाव महसूस होना।
बुखार: हल्का बुखार होना।
थकान: थकान और कमजोरी महसूस होना।
खांसी: बलगम वाली खांसी होना।
गले में खराश: गले में खराश या जलन होना।
सूंघने की क्षमता में कमी: सूंघने की क्षमता में कमी होना।
साइनसाइटिस का इलाज:
साइनसाइटिस का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है।
वायरल साइनसाइटिस: वायरल साइनसाइटिस का आमतौर पर अपने आप इलाज हो जाता है। आराम, तरल पदार्थों का सेवन और ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।
जीवाणु साइनसाइटिस: जीवाणु साइनसाइटिस के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता होती है।
एलर्जिक साइनसाइटिस: एलर्जिक साइनसाइटिस के इलाज के लिए एलर्जी की दवाओं और नाक स्प्रे की आवश्यकता होती है।
साइनसाइटिस से बचाव:
अपने हाथों को बार-बार धोएं: यह संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करेगा।
धूम्रपान न करें: धूम्रपान नाक और साइनस मार्गों को परेशान कर सकता है।
पर्याप्त आराम करें: जब आप बीमार हों तो पर्याप्त आराम करें।
तरल पदार्थों का सेवन करें: तरल पदार्थों का सेवन नाक के मार्गों को पतला रखने और बलगम को ढीला करने में मदद करेगा।
नाक की सिंचाई करें: नाक की सिंचाई नाक के मार्गों को साफ करने और बलगम
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