चुनाव आयोग ने लगाया कमलनाथ पर आरोप, कहा- 'कोर्ट को गुमराह करने का चले केस'
चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता कमलनाथ पर सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के मामले में बनावटी सबूत रखने का आरोप लगाया है. आयोग ने कहा कि कांग्रेस द्वारा हमारी वेबसाइट में मौजूद वोटर लिस्ट में हेर-फेर कर लिस्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया है. जिसके लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस पर फर्जी सबूत पेश कर कोर्ट को गुमराह करने का केस चलना चाहिए. वहीं फर्जी वोटर लिस्ट मुद्दे पर कमलनाथ के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 'कांग्रेस को यह वोटर लिस्ट एक निजी वेबसाइट में मिली थी. जिसके बाद हमने चुनाव आयोग को भी ये लिस्ट सौंपी थी. जिसके बाद कोर्ट ने आयोग से इस बात की जांच से लिस्ट सौंपे जाने और निजी वेबसाइट के खिलाफ कार्यवाई को लेकर जवाब मांगे हैं. कांग्रेस द्वारा फर्जी वोटर लिस्ट आयोग ने कहा कि कांग्रेस द्वारा हमारी वेबसाइट में मौजूद वोटर लिस्ट में हेर-फेर कर लिस्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया है. सौंपे जाने और चुनाव आयोग द्वारा इस पर कार्यवाई के मामले में अब सोमवार को चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट को इसका जबाव देना है.'
कानूनी प्रावधान के तहत ही चुनाव
दरअसल,इससे पहले चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था. चुनाव आयोग ने कमलनाथ की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस बार-बार सुप्रीम कोर्ट में आकर आयोग की कार्यपद्धति में रुकावट न डाले. चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में कहा था कि कांग्रेस को एक खास अंदाज में चुनाव कराने के दिशानिर्देश जारी न करवाए और चुनाव आयोग कानूनी प्रावधान के तहत ही चुनाव कराता है. आयोग ने कहा था कि किसी याचिका के जरिए चुनाव आयोग को ये निर्देश देने की मांग नहीं की जा सकती कि किस तरीके से चुनाव कराए जाएं. आयोग के मुताबिक याचिका में कोई आधार नहीं है इसलिए सुप्रीम कोर्ट कमलनाथ की याचिका खारिज करे.
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग
बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग को लेकर कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ और राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुधार की मांग की है. इसके अलावा याचिका में वीवीपीएटी पर्चियों के सत्यापन की भी मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट इलेक्शन कमीशन को निर्देश दे कि EVM में डाले गए वोटों का मिलान VVPAT से कराया जा सके.
कांग्रेस ने फर्जी वोटरों का उठाया था मुद्दा
बता दें इससे पहले कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में फर्जी वोटरों का मुद्दा उठाया था. राज्य में कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर आपत्ति जताई थी, वहीं मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने कहा था कि वह जांच कराएगा. इसके लिए आयोग 4 जगहों पर अपनी टीम भेजी थी. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहाथा कि वह चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे. वहीं, कमलनाथ ने कहा था कि हम चुनाव आयोग को सबूत देंगे कि राज्य में 60 लाख फर्जी वोटर हैं. ये नाम जानबूझकर लिस्ट में शामिल किए गए हैं. यह प्रशासनिक लापरवाही नहीं, प्रशासनिक दुरुपयोग है.
मध्यप्रदेश में इसी साल होने हैं चुनाव
बता दें मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए इस साल के आखिरी में चुनाव होना है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी चुनाव होंगे. अभी मध्य प्रदेश में 167 सीटों के साथ भाजपा सत्ता में है. दिसंबर 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस 57, बसपा 4 सीटों पर जीती थी. दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार चुने गए थे. वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग ने भोपाल और नर्मदापुरम (होशंगाबाद) संभाग के लिए आयोग की टीम बनाकर मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों की जांच का आदेश दिया था.