स्वच्छता में सबसे अधिक सुधार करने वाला बना भोपाल रेलवे स्टेशन

स्वच्छता में सबसे अधिक सुधार करने वाला बना भोपाल रेलवे स्टेशन
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रेलवे ने अपने स्टेशनों की स्वच्छता रैकिंग जारी की है। इसमें भोपाल स्टेशन को देश के 75 ए-1 श्रेणी के स्टेशनों में 30वीं रैंक मिली है। बता दें कि साल 2017 में जारी हुई रैकिंग में भोपाल स्टेशन को 74 वीं रैंक मिली थी। तब यह बेहद गंदे स्टेशनों में शुमार था यानी गंदे स्टेशनों में भोपाल नीचे से दूसरे पायदान पर था।

लेकिन नई रैकिंग के मुताबिक भोपाल स्टेशन ने स्वच्छता के मामले में तेजी से सुधार किया है। भोपाल को 1000 में से 833.6 अंक मिले हैं, जबकि बीते साल 499.2 अंक ही मिले थे। इस तरह अंकों की मानें तो स्टेशन ने साफ-सफाई, यात्री सुविधा के मामले में 334.4 अंक की बढ़त बनाई है। इसी की बदौलत रैकिंग में 74 से 44 पायदान का सुधार कर स्टेशन 30वें स्थान पर पहुंच गया है।

वन श्रेणी वाले स्टेशन पर जोधपुर नंबर एक व जयपुर नंबर दो पर

एक से लेकर दस तक की बात करें तो उत्तर भारत के स्टेशन की रैकिंग काफी नीचे है। ए-1 श्रेणी में देश के सबसे स्वच्छ रेलवे स्टेशनों में जोधपुर नंबर एक पर है और जयपुर स्टेशन नंबर दो पर आया है। जबकि ए श्रेणी वाले स्टेशन में में मारवाड़ पहले स्थान पर और फुलेरा दूसरे स्थान पर है। देश की राजधानी दिल्ली की बात करें आनंद विहार जहां से पूर्वांचल की ट्रेनें रवाना होती है, इसका नंबर पांचवा है तो नई दिल्ली स्टेशन 39 वें स्थान पर है। पुरानी दिल्ली 54 वें स्थान पर है।

स्वच्छता रैंकिंग के ए वन श्रेणी वाले स्टेशन में सबसे खराब प्रदर्शन मथुरा का है तो ए श्रेणी वाले स्टेशन पर सबसे नीचले स्तर पर शाहगंज स्टेशन है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेल भवन में भारतीय गुणवत्ता नियंत्रण परिषद द्वारा वर्ष 2018 के लिए किये गये स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी की। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि स्वच्छता सर्वेक्षण के दायरे में ए-1 और ए श्रेणी के 407 स्टेशनों के अलावा 600 और स्टेशन भी शामिल किए जाएंगे। स्वच्छता सर्वेक्षण वार्षिक की बजाय छमाही हुआ करेगा।

रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे स्टेशनों के स्वच्छता सूचकांक में 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले 39 स्टेशन है। 80 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले स्टेशन पिछले साल 90 प्रतिशत थे जो अब स्वच्छता के पैमाने पर बढ़कर 161 हो गए हैं।

ए-1 श्रेणी में नंबर एक पर जोधपुर स्टेशन है, नंबर दो पर जयपुर और नंबर तीन तिरुपति स्टेशन रहा। ए श्रेणी में नंबर एक पर मारवाड़, नंबर दो पर फुलेरा और नंबर तीन पर वारंगल स्टेशन रहा। रेलवे जोन में उत्तर पश्चिम रेलवे नंबर एक पर है। दक्षिण मध्य रेलवे नंबर दो पर है। सबसे खराब प्रदर्शन की बात करें तो उत्तर मध्य रेलवे का रहा है। रेल मंत्रालय उसके कारणों की समीक्षा करेगा और उत्तर मध्य रेलवे को पूरी सहायता देगा।

उत्तर भारत के ज्यादात स्टेशन स्वच्छता की रैंकिंग में काफी पीछे

स्वच्छता की रैंकिंग में उत्तर भारत विशेष कर पूर्वांचल के स्टेशन काफी नीचले पैदान पर हे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो वारणसी स्टेशन की स्वच्छता रैंकिंग ए श्रेणी में 69 है। मुगलसराय 65 वें स्थान है। इलाहाबाद इन स्टेशनों से ऊपर 33 वें स्थान पर तो देहरादून 34 वें स्थान पर है। इसी तरह आगरा कैंट 37, गोरखपुर 44, लखनऊ 45, अंबाला 46, हरिद्वार 47, चंडीगढ़ 55, लुधियाना 56, कानपुर सेंट्रल 61, लखनऊ 64, बरेली 67, मुजफ्फरनगर 70 और मथुरा स्टेशन 75 वें स्थान पर यानी सबसे नीचे है।

ए श्रेणी वाले स्टेशन की रैंकिंग

ए श्रेणी वाले स्टेशन में भी उत्तर भारत के स्टेशनों की स्थिति बेहतर नहीं है। कुल 400 स्टेशनों पर कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में रूड़की का स्थान 241 है तो सुल्तानपुर का 142, इसी तरह शाहजहांपुर 150, जलंधर सिटी 157, मऊ 165, आजमगढ़ 172, मुरादाबाद 179, मुजफ्फरनगर 186, गुरू्ग्राम 201, गौंडा 204, आगरा फोर्ट 206, बरेली 210, अलीगढ़ 213, हरदोई 217, जालंधर कैंट 226, फिरोजपुर 235, सराय रोहिल्ल 230, फिरोजपुर 235, कालका 236, गाजियाबाद 238, करनाल 241, बस्ती 252, बाराबंकी 255, पानीपत 262, रामपुर 268, टुंडला 269, देवरिया सदर 291, दिल्ली सहादरा 300, मिर्जापुर 307, भदोई 311, जौनपुर 312, मेरठ 312, दिल्ली कैंट 315, फैजाबाद 316, बल्लभगढ़ 317, सोनीपत 322, फरीदाबाद 323, जगधारी 327 और अयोध्या स्टेशन 328 वें नंबर पर है।

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