मप्र: विधानसभा चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को टिकट न देने की अपील
मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को उम्मीदवार न बनाए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. बीते चुनाव में भाजपा द्वारा बनाए गए उम्मीदवारों में 61 पर आपराधिक और 37 पर गंभीर मामले, वहीं कांग्रेस के 91 पर आपराधिक और 50 पर गंभीर मामले दर्ज थे. मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच ने बुधवार को जारी एक बयान में सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि, वे इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को टिकट न दें. इससे जनता अच्छे, प्रभावी और साफ -सुथरी छवि वाले उम्मीदवारों को चुन सकेगी.
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय भी राजनीति में अपराधीकरण रोकने को लेकर लगातार सुनवाई कर रहा है. न्यायालय ने इस मामले पर चुनाव आयोग से यह भी पूछा है कि क्या अपराधियों को टिकट देने वाले राजनीतिक दलों का चुनाव चिन्ह छीनने के निर्देश दिया जाए. पिछली एक सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने सांसदों और विधायकों के ऊपर चल रहे मुकदमों के लिए त्वरित अदालत बनाने के निर्देश भी दिए थे.
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने इस चुनाव में बीजेपी को 6-1 से हराया
मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच ने सभी राजनीतिक दलों को भेजे पत्र में राजनीतिक दलों से अपने उम्मीदवारों की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने का आग्रह किया है. इस पत्र के साथ प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों के उन उम्मीदवारों की सूची भी संलग्न की गई है, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज होने के बाद भी उन्हें पिछले चुनाव में टिकट दिया गया था. यह सूची वर्ष 2013 में चुनाव लड़ने वाले सभी दलों के उम्मीदवारों द्वारा नामांकन के समय दिए गए शपथ-पत्रों का विश्लेषण कर तैयार की गई है.
विश्लेषण से यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि भाजपा के 229 उम्मीदवारों में से 61 पर आपराधिक और 37 पर गंभीर मामले दर्ज थे, वहीं कांग्रेस के 228 उम्मीदवारों में से 91 पर आपराधिक और 50 पर गंभीर मामले और बसपा के 226 में से 54 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले और 33 पर गंभीर मामले दर्ज थे.
बयान के अनुसार, मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक र्फिाम्स संस्था के साथ एक निष्पक्ष और गैर राजनीतिक रूप में काम करने वाली संस्था है, जो राजनीति में शुचिता और नैतिकता के लिए अभियान चलाती है. शीघ्र ही यह संस्था प्रदेश भर में मतदाताओं के बीच जागरूकता का एक व्यापक अभियान चलाएगी, जिसमें मतदाताओं से आपराधिक प्रवृत्ति के उम्मीदवारों को वोट नहीं देने की अपील की जाएगी