नारायण साईं को झटका, पत्नी के पक्ष में आया फैमिली कोर्ट का आदेश

नारायण साईं को झटका, पत्नी के पक्ष में आया फैमिली कोर्ट का आदेश
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आसाराम का बेटा नारायण साईं अपनी ही पत्नी से कानूनी लड़ाई हार गया है। बलात्कार के मामले में जेल में बंद पिता आसाराम के बेटे पर भी कई गंभीर आरोप लगे हुए हैं लेकिन पारिवारिक विवाद में पत्नी ने अदालत खींचा तो मुश्किलें और बढ़ गई। फैमिली कोर्ट में नारायण साईं की पत्नी ने मेंटेनेंस यानि गुजारा भत्ता के लिए आवेदन किया था। साईं की पत्नी ने 80 हजार प्रति माह की मांग की थी जिस पर अदालत ने हर महीने 50 हजार रूपये देने का आदेश दिया था।साथ ही जनवरी से अब तक का बकाया यानि तार लाख रूपये का भुगतान करने को कहा है।

नाारायण साईं ने फैमिली कोर्ट के आदेश के बाद भी 8 माह से पत्नी को भरण पोषण के लिए खर्चा नहीं दिया। इस पर पत्नी की ओर से कोर्ट में आवेदन लगाया था, जिस पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि साईं पत्नी को भरण पोषण के रूप में 50 हजार रुपए महीने के हिसाब से 8 माह के चार लाख रुपए अगली सुनवाई के पहले अदा करें।

इंदौर में रहने वाली साईं की पत्नी ने पति के खिलाफ धारा 125 के अंतर्गत भरण पोषण का दावा फैमिली कोर्ट इंदौर में किया है। 37 वर्षीय महिला ने केस दायर कर कहा था कि उसका विवाह साईं से 1997 में हुआ था। कोर्ट में दायर दावे में महिला ने साईं को दुराचारी और ढोंगी बताते हुए कहा है कि उसकी पत्नी होने के कारण वह बदनामी भरी जिंदगी जी रही है।

हलफनामें में साईं की पत्नी ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। साईं बचने के लिए वकीलों पर लाखों रुपए हर माह खर्च कर रहा है किंतु भरण-पोषण देने में आनाकानी कर रहा है। महिला ने शपथ पत्र पेश करते हुए भरण-पोषण के लिए 29 आधार बताए थे। इसमें उसने कहा था कि ससुर आसाराम ने शादी के दिन पंडाल में घोषणा करते हुए कहा था कि मेरे बेटे-बहू पांच साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे। आसाराम लोगों पर प्रभाव डालना चाहते थे कि इतनी सुंदर पत्नी पाकर भी पुत्र कितना संयमी है।

साईं की पत्नी के वकील ने कोर्ट के सामने ये भी दलील दी कि आसाराम और बेटा साईं अपने खिलाफ चल रहे मामलों से बचने के लिए वकीलों पर लाखों खर्च कर रहे हैं पर पत्नी को एक पैसा देने को राजी नहीं।

इस मामले में नारायण साईं एक बार भी अदालत में पेश नहीं हुआ है। कोर्ट ने ये भी कहा है कि आगे से समय पर भरण पोषण देने के लिए अंडर टेकिंग भी दें। अब तक सुनवाई में नहीं आने पर कोर्ट ने उसके खिलाफ समन जारी कर 20 नवंबर को हाजिर होने के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई द्वितीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश रेणुका कंचन कर रही है।

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