पिछला चुनाव हारे मंत्री बने भाजपा का सिरदर्द, बढ़ाया टिकट का दबाव
- In मध्य प्रदेश 15 Oct 2018 1:02 PM IST
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच दिलचस्प लड़ाई छिड़ी हुई है। तमाम सर्वे यहां कड़ा मुकाबला होने की बात कह रहे हैं। लेकिन भाजपा के लिए इस बार हालात वाकई मुश्किल हैं। सत्ता विरोधी रुझान से तो वह जूझ ही रही है, उसके अपने ही नेता भी उसके लिए मुसीबत बढ़ा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में पिछले चुनाव में हारे मंत्री अब भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। इन लोगों की मांग है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इन्हें उसी विधानसभा क्षेत्र या किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया जाए। टिकट की चाह रखने वाले पूर्व मंत्री कोई कसर नहीं छोड़ रहे और लगातार पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं।
2013 विधानसभा चुनाव में 10 मंत्रियों की हार हुई थी। इनमें से एक जगन्नाथ सिंह का निधन हो गया जबकि बाकी के नौ मंत्री टिकट पाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। हरिशंकर खटीक जतारा से टिकट की मांग कर रहे हैं। पिछले चुनाव में इन्हें कांग्रेस के दिनेश अहिरवार ने 233 वोटों से हराया था। बाद में दिनेश अहिरवार भाजपा में शामिल हो गए थे।
विधानसभा टिकट की मांग करने वालों में मुरैना सांसद और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा भी शामिल हैं। वह भितरवार या ग्वालियर पूर्व से टिकट की मांग कर रहे है। पिछले चुनावों में 6 हजार से ज़्यादा वोटों से इनकी हार हुई थी। व्यापमं घोटाले में आरोपी और पिछला चुनाव सिरोज से हारे पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा भी टिकट की इस दौड़ में शामिल हैं।
भाजपा को डर है कि शर्मा को टिकट देने से व्यापम का मुद्दा फिर से उठाया जाएगा। भाजपा लक्ष्मीकांत शर्मा की पत्नी या बेटे को टिकट देने पर विचार कर रही है। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने जबलपुर से टिकट की मांग की है। इस संबंध में वह सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाक़ात कर चुके हैं मगर पार्टी विश्नोई को मौका देने के मूड में नहीं दिख रही।
वहीं, पवई से पिछले चुनाव में मात खा चुके बृजेन्द्र प्रताप सिंह इस बार पन्ना या पवई से टिकट मांग रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह से भी बात की है।