पेंशन पर 1440 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी कमलनाथ सरकार
- In मध्य प्रदेश 28 Jan 2019 4:14 PM IST
राज्य सरकार ने सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था सहित तमाम किस्म की पेंशन राशि में वृद्धि की तैयारी कर ली है। सरकार अगले वित्तीय वर्ष से 300 के बजाय 600 रुपए मासिक पेंशन देगी। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग ने यह प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया।
पेंशनवृद्धि से सरकारी खजाने पर 1440 करोड़ रुपए सालाना अतिरिक्त भार पड़ेगा। प्रदेश में 40 लाख पेंशनभोगियों को इस फैसले का लाभ मिलेगा। लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही राज्य सरकार जनता से किया एक और वादा पूरा करने जा रही है।
विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पेंशनभोगियों को पेंशन में वृद्धि की सौगात देने का वादा किया था। कांग्रेस की सरकार बनते ही सामाजिक न्याय विभाग ने पेंशन 300 से बढ़ाकर एक हजार रुपए मासिक करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन माली हालत खराब होने के कारण सरकार ने इसमें संशोधन किया है। अब सरकार शुरुआत में तीन सौ रुपए प्रतिमाह की वृद्धि कर रही है।
इसके बाद हर महीने पेंशन राशि सौ-सौ रुपए बढ़ाकर अगले चार माह में एक हजार रुपए महीना करेगी। उल्लेखनीय है कि पेंशनभोगियों को वर्तमान में 300 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। जिस पर हर महीने 120 करोड़ और सालाना 1440 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अब नए प्रस्ताव के बाद 2880 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे।
पेंशनवृद्धि के सात प्रस्ताव
कांग्रेस ने वचन पत्र में एक हजार रुपए मासिक पेंशन देने का वादा किया था। इस हिसाब से विभाग ने एक हजार रुपए का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया था, लेकिन माली हालत को देखते हुए सरकार ने चार सौ, पांच सौ, छह सौ, आठ सौ रुपए प्रतिमाह बढ़ाने के प्रस्ताव भी मांगे थे। ये सभी प्रस्ताव विभाग शासन को भेज चुका है। जिनमें से छह सौ रुपए प्रति माह देने पर सहमति बनी है। अब यह प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है।
यदि एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने के प्रस्ताव पर सहमति बनी होती, तो सरकार को हर माह चार सौ और सालाना 4800 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते। तीन सौ रुपए पेंशन बढ़ाने से सरकार को हर माह 240 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। अभी तक 120 रुपए खर्च हो रहे थे।
ये पेंशन मिलती हैं
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, नि:शक्तजन पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन, मानसिक दिव्यांगों के लिए आर्थिक सहायता।