मध्यप्रदेश: 7 महीने में 24 लाख वोटर घटे, राजनीतिक दलों को सौंपी गई मतदाताओं की सूची

मध्यप्रदेश: 7 महीने में 24 लाख वोटर घटे, राजनीतिक दलों को सौंपी गई मतदाताओं की सूची
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मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य के वोटरों की एक ड्राफ्ट जारी की है, जिसमें बड़ी संख्या में वोटरों के कम होने की बात सामने आई है। दरअसल, पिछले सात महीनों में चुनाव आयोग ने ऐसे 24 लाख फर्जी वोटरों के नाम हटा दिए हैं, जिन्होंने कभी वोट नहीं डाला या दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं या फिर उनकी मौत हो चुकी है। राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।

बता दें कि प्रदेश की मतदाता सूची में इस बार 11 लाख 40 हजार नए मतदाता जुड़े हैं, जिससे प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 4 करोड़ 94 लाख 42 हजार हो गई है। इस सूची में 30 जून तक जोड़े गए मतदाताओं के नाम शामिल हैं।

5 साल में सिर्फ 28 लाख मतदाता ही बढ़े

चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक, पिछले पांच साल में सिर्फ 28 लाख मतदाता ही बढ़े हैं। 2013 में जारी किए गए वोटर लिस्ट में कुल मतदाताओं की संख्या 4 करोड़ 66 लाख थी, जबकि इस बार कुल मतदाताओं की संख्या 4 करोड़ 94 लाख 42 हजार है। 2008 से 2013 के बीच मतदाता सूची में जोड़े गए मतदाताओं की बात करें तो कुल 1 करोड़ 5 लाख नए नाम जोड़े गए थे। इसकी जांच अभी चल रही है।

राजनीतिक दलों को सौंपी गई मतदाताओं की सूची

चुनाव आयोग के निर्देश पर इस बार राज्य की मतदाता सूची से हटाए गए नामों और नए जोड़े गए नामों की सूची राजनीतिक दलों को भी सौंपी गई है। ये पहली बार है कि राजनीतिक दलों को मतदाताओं की सूची सौंपी गई है। इसके लिए 22 दिन का समय दिया गया है। अगर इससे पूर्व कोई आपत्तियों का दावा करता है तो उसका समाधान कर 27 सितंबर को जारी होने वाले मतदाता सूची में उसका प्रकाशन कर दिया जाएगा।

लिंगानुपात: सबसे कम और सबसे ज्यादा

प्रदेश के भिंड जिले के मेहगांव विधानसभा में लिंगानुपात सबसे कम है। यहां 1000 पुरुषों की तुलना में महज 765 महिलाएं ही हैं। जबकि बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा में लिंगानुपात सबसे ज्यादा है। यहां 1000 पुरुषों की तुलना में 1008 महिलाएं हैं।

प्रदेश के कुल मतदान केंद्रों की अगर बात करें तो यहां 65,340 मतदान केंद्र हैं। वहीं, सबसे ज्यादा मतदाताओं की अगर बात करें तो इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक पांच में सबसे ज्यादा 3,56,879 मतदाता हैं। जबकि सबसे कम 1,45,783 मतदाता शहडोल जिले की कोतमा विधानसभा में हैं।

नामांकन से 10 दिन पहले तक जोड़े जाएंगे नाम

1 जनवरी, 2018 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके युवा आचार संहिता लागू होने के बाद मतदाताओं के नामांकन से 10 दिन पहले तक अपना नाम जुड़वा सकेंगे। ऐसे मतदाता विधानसभा चुनाव में वोट डालने के पात्र माने जाएंगे

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