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सजा सुनते ही फूट-फूट कर रोया रामपाल, जज से बोला- कुछ रहम करो

सजा सुनते ही फूट-फूट कर रोया रामपाल, जज से बोला- कुछ रहम करो

हत्या के दो मामलों में रामपाल...Editor

हत्या के दो मामलों में रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. पहले मंगलवार को एक मामले में उसे मरते दम तक उम्रकैद की सजा मिली और आज बुधवार को भी एक अन्य मामले में उसे उम्रकैद की सजा हुई. जज ने जैसे ही सजा का ऐलान किया तो रामपाल फूट-फूटकर रोने लगा और घुटनों के बल बैठ गया.

रोते हुए रामपाल जज से बोला- आप तो कबीर भक्त हैं, कुछ तो रहम कर देते. लेकिन जज ने इस पर कुछ जवाब नहीं दिया और उठकर चल दिए.

दरअसल, कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले खुद जज ने ही रामपाल को बताया था कि वह कबीर के दोहे सुनते हैं. और जब जज ने सजा का ऐलान किया तो रामपाल ने उन्हें याद दिलाया कि आप कबीर भक्त हैं इतनी कठोर सजा क्यों दे रहे हैं.

गौरतलब है कि सुनवाई के लिए जेल परिसर में ही विशेष अदालत लगाई गई थी. जहां जज ने सजा का ऐलान किया. इससे पहले 5 लोगों की हत्या के मामले में भी रामपाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. जेल पहुंचते ही रामपाल को अब नई पहचान मिल गई है, अब वह कैदी नंबर 1005 के नाम से जाना जाएगा.

अब सब्जियां उगाएगा रामपाल

सूत्रों के मुताबिक रामपाल ने कैदी नंबर 1008 की मांग की थी, लेकिन उसे 1005 नंबर मिला. जेल प्रशासन ने रामपाल को काम भी सौंप दिया है. बताया जाता है कि उसको जेल के पर्यावरण को सुधारने के लिए फूल-पौधे उगाने और उनकी देखभाल करने की जिम्मेदारी दी जाएगी. इसके साथ जेल में बंद कैदियों के लिए वह सब्जियां भी उगाएगा.

रामपाल समेत कुल 15 को हुई है उम्रकैद की सजा

हिसार की विशेष अदालत ने मंगलवार को रामपाल सहित कुल 15 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. रामपाल को 4 महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के आरोप में दोषी पाया गया था, बीते 11 अक्टूबर को ही उसे दोषी करार दिया गया था. आजीवन कारावास के अलावा रामपाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

किन मामलों में हुआ सजा का ऐलान?

जिन मामलों में रामपाल को सजा सुनाई गई है, उनमें पहला केस महिला भक्त की संदिग्ध मौत का है, जिसकी लाश उनके सतलोक आश्रम से 18 नवंबर 2014 को बरामद की गई थी.

जबकि दूसरा मामला उस हिंसा से जुड़ा है जिसमें रामपाल के भक्त पुलिस के साथ भिड़ गये थे. इस दौरान करीब 10 दिन चली हिंसा में 4 महिलाएं और 1 बच्चे की मौत हो गई थी. 67 वर्षीय रामपाल और उसके अनुयायी नवम्बर, 2014 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे. रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ बरवाला पुलिस थाने में 19 नवम्बर, 2014 को दो मामले दर्ज किये गये थे.

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