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पाकिस्तान भी डरता है भारत के इन पांच ब्रह्मास्त्र से, जानें- इन हथियारों की खासियत

पाकिस्तान भी डरता है भारत के इन पांच ब्रह्मास्त्र से, जानें- इन हथियारों की खासियत

सीआरपीएफ काफिले (CRPF Convoy)...Editor

सीआरपीएफ काफिले (CRPF Convoy) पर पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) में 40 जवानों के शहीद होने के बाद सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है। दो दिन पहले पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा हमले पर मीडिया के सामने बयान दिया था। इस दौरान उनके चेहरे पर डर साफ झलक रहा था। इसकी वजह पाक पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के अलावा भारत के वो पांच ब्रह्मास्त्र हैं, जो पाकिस्तान में बड़ी तबाही मचा सकते हैं। युद्ध की स्थिति में अगर भारत ने अपने इन हथियारों का इस्तेमाल किया तो पाकिस्तान में लाखों लोगों को जान गंवानी पड़ सकती है। पाकिस्तान भी इन हथियारों से अच्छे से वाकिफ है।

जानकार मानते हैं कि अगर भविष्य में भारत-पाक के बीच युद्ध हुआ तो वह जमीन पर कम, समुद्र और आकाश में ज्यादा व्यापक होगा। वैसे तो भारतीय सेनाएं जल, थल और नभ तीनों क्षेत्र में पाकिस्तानी सेनाओं से बहुत आगे है, लेकिन भविष्य की आशंकाओं के लिहाज से तुलना करें तो जल और नभ दोनों में भारत की स्थिति पाकिस्तान से काफी मजबूत है। विशेष रूप से समुद्र में जहां भारत, पाकिस्तानी बंदरगाहों को अवरुद्ध करने की क्षमता रखता है।

पाकिस्तान अपने गैसोलीन खपत का 83 फीसद आयात करता है। ऐसे में युद्ध की दशा में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तुरंत चौपट हो जाएगी। मतलब बिना सैन्य युद्ध और परमाणु हथियारों का उपयोग किये बिना भी भारत, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका देकर आर्थिक जीत हासिल कर सकता है। पाकिस्तान के खिलाफ इस भौगोलिक ताकत के अलावा आइये जानते हैं, भारत के उन पांच ब्रह्मास्त्रों के बारे में जिनसे पाकिस्तान सबसे ज्यादा डरता है।

आइएनएस विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर

अत्याधुनिक आइएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) एयरक्राफ्ट कैरियर, नवंबर 2013 में नौसेना में शामिल किये गए हैं। आइएनएस विक्रमादित्य को विशेष रूप से पाकिस्तानी नौसेना का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे समुद्र में भारतीय आक्रमण का नेतृत्व करने के लिए शामिल किया गया है। पाकिस्तान के लिए ये किसी बुरे सपने की तरह है कि भारत आइएनएस विक्रमादित्य को पाकिस्तान के सबसे बड़े कराची बंदरगाह पर खड़ा कर दे। इससे उनकी नौसेना पूरी तरह से ब्लॉक हो जाएगी।

विक्रमादित्य की लंबाई 282 मीटर है और भार ढोने की इसकी क्षमता 44000 टन है। इसके शक्तिशाली एयर विंग हवाई श्रेष्ठता, एंटी-सरफेस, जहाज-रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्ध को अंजाम देने में सक्षम हैं। विक्रमादित्य के डेक पर 24, मिग-29के (MIG-29K) या तेजस मल्टीरोल फाइटर (Tejas Multi-Role Fighters) और 10 पनडुब्बी रोधी युद्धक हेलीकॉप्टर (Anti-Submarine Warfare Helicopters) तैनात करने की क्षमता है। इसके साथ ही भारत ने 45 मिग-29के लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए ऑर्डर दिया हुआ है।

आइएनएस चक्र न्यूक्लियर अटैक सबमरीन

जहां एक तरफ आइएनएस विक्रमादित्य नौसेना की ताकत का समुद्र के ऊपर प्रदर्शन करता है, वहीं दूसरी तरफ भारत की असली ताकत समुद्री सतह के नीचे मौजूद आक्रमणकारी 14 पनडुब्बियां हैं। इन पनडुब्बियों में सबसे शक्तिशाली है आइएनएस चक्र सबमरीन, जो परमाणु हमला करने की भी क्षमता रखती है। अपने 11 युद्धपोत और आठ पनडुब्बियों के साथ आइएनएस चक्र विभिन्न प्रकार के युद्ध टास्क को पूरा करने में सक्षम है। इसलिए ये पाकिस्तानी नौसेना के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

चक्र सबमरीन, पाकिस्तानी सीमा में समुंद्र के अंदर बिछाई गई माइन्स का मुकाबला करने और सर्विलांस में भी सक्षम है। इसकी अधिकतम रफ्तार 30 नॉट (Knots) मतलब समुद्री मील है और ये समुद्र के अंदर 520 मीटर की अधिकतम गहराई में भी काम कर सकता है। आइएनएस चक्र चार 533एमएम व्यास के टारपीडो और चार 650एमएम व्यास के टारपीडो से लैस है। इनमें VA-111 शक्वाल सुपरकविटेटिंग टारपीडो भी शामिल है, जो 220 समुद्री मील की रफ्तार से 15 किलोमीटर की दूरी तय करता है। इसमें एंटी शिप मिसाइल, समुंद्री माइन्स और 40 टारपीडो ले जाने की क्षमता है।

एएच-64 डी अपाचे लॉन्गबो ब्लॉक III अटैक हेलीकॉप्टर

एएच-64डी अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय थल सेना के लिए जमीनी लड़ाई में एक लंबी छलांग है। अपाचे हेलीकॉप्टर अपनी बख्तरबंद संरचना की वजह से पारंपरिक युद्ध या आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान कुछ भी करने में सक्षम है। ये लड़ाई के दौरान सबसे कारगर हेलीकॉप्टरों में से एक है। पर्वतीय इलाकों में काफी ऊंचाई पर भी अपाचे 171 मील प्रति घंटे की गति से उड़ान भरने में सक्षम है। इसके रोटर ब्लेड 12.7एमएम मशीन गन का सामना कर सकते हैं। ये हेलीकॉप्टर दुश्मन पर हमला कर उसे नष्ट करने के लिए तैयार किया गया है।

इसके रडार सेकेंडों में 128 वाहनों लक्ष्यों का पता लगाने और उन पर हमले के लिए प्राथमिकता तय करने में सक्षम हैं। इसके बाद ये कुछ सेकेंडों में 16 लक्ष्यों पर हमला कर सकता है। इसमें थर्मल इमेजिंग सेंसर भी लगे हैं। इसमें नीचे की तरफ चार मिसाइल और एक 30एमएम की तोप अटैच की जा सकती है। भारत ने 2012 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर का सौदा किया था। अगस्त-2018 में भारत ने 39 और अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया है। इनसे भारत की स्थिति और मजबूत होगी।

SU-30MKI फाइटर जेट

भारतीय वायु सेना के SU-30MKI फाइटर जेट का उद्देश्य पाकिस्तानी वायु सेना में सेंध लगाना है। भारतीय वायु सेना के पास वर्तमान में 200 SU-30MKI फाइटर जेट विमान हैं और 72 नए विमानों के लिए ऑर्डर दिया जा चुका है। ये विमान लंबी क्षमता वाले डबल इंजन, शक्तिशाली रडार और घातक हथियार से लैस है। SU-30MKI फाइटर जेट, 1980 के दशक के SU-27MKI फाइटर जेट का अपग्रेटेड वर्जन है। ये विमान हवा में पैंतरेबाजी करने में माहिर है और ये एक ही वक्त पर कई लक्ष्यों को टारगेट कर सकता है।

ये विमान हवा से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल से लैस है, जो 300 से 400 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेद सकते हैं। SU-30MKI फाइटर जेट, पाकिस्तानी वायु सेना के किसी भी लड़ाकू विमान से बेहतर है। इजारयल में निर्मित विमानों में आवश्यक बदलाव कर इन्हें भारतीय सीमा में उड़ते हुए 300 किमी दूर पाकिस्तानी या चीनी सीमा में तबाही मचाने लायक बनाया गया है। अब इसे ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल से लैस किया जा रहा है। प्रत्येक SU-30MKI फाइटर जेट एक ब्रह्मोस मिसाइल ले जाने में सक्षम होगा। इस विमान के साथ ब्रह्मोस मिसाइलें 295 किमी की दूरी पर मौजूद लक्ष्यों को भेद सकेंगी।

भारत के परमाणु हथियार

भारत ने 1974 में पहली बार 12 किलोटन विस्फोटक के साथ परमाणु हथियार का परीक्षण किया था। भारत के पास मौजूद परमाणु हथियार दुनिया के लिए केवल रहस्य हैं, क्योंकि इन्हें बेहद गोपनीय रखा गया है। लिहाजा भारत के पास कितने परमाणु हथियार हैं, इसकी सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है। अनुमान लगाया जाता है कि भारत के पास 90 से 110 परमाणु हथियार हैं। इनकी शक्ति लगभग 200 किलोटन या हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से तकरीबन 10 गुना ज्यादा होने का अंदाजा लगाया जाता है।

पहले परमाणु हथियारों को जगुआर, मिग-27 और मिराज-2000 विमान से लॉन्च करने लायक बनाया गया था, लेकिन ये विमान पाकिस्तानी वायु रक्षा नेटवर्क के लिए असुरक्षित थे। लिहाजा, जमीन से लॉन्च होने वाली मिसाइलों को परमाणु हथियार से लैस किए जाने की उम्मीद है। क्या परमाणु हथियारों को SU-30MKI फाइटर जेट विमान में भी फिट किया जा सकता है, ये स्पष्ट नहीं है। माना जाता है कि जमीन से लॉन्च होने वाली भारतीय मिसाइलें परमाणु हमले के लिए सक्षम हैं। भारत में मौजूद पृथ्वी एक व दो मिसाइलों की रेंज 150 से 350 किमी है और इन्हें कुछ घंटों में लॉन्च करने के लिए तैयार किया जा सकता है। अग्नि एक, दो, तीन व चार बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज 700 से 4000 किमी है।

पनडुब्बी अरिहंत लाने की तैयारी

इन पांच हथियारों के अलावा भारत अपनी पहली बैलिस्टिक सबमरीन मिसाइल अरिहंत को भी तैनात करने की तैयारी में जुटा हुआ है। अरिहंत पनडुब्बी, छोटी दूरी की 12 के-15 मिसाइलों या मध्यम दूरी की चार के-4 न्यूक्लियर मिसाइलें ले जाने में सक्षम होगी। ये सबमरीन, पाकिस्तानी पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं की सीमाओं से काफी दूर तक गश्त करने में सक्षम होगी। यह पाकिस्तान द्वारा भारत की प्रतिशोधी क्षमता को अछूत बना देगा।

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