गाड़ी में प्रतिबंधित गोला-बारूद होने से ही मालिक दोषी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने किया बरी
- In देश 16 Sept 2018 11:22 AM IST
किसी वाहन में प्रतिबंधित गोला-बारूद की बरामदगी होने पर ही उस वाहन के मालिक को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को गुजरात के एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि बरामदगी के वक्त प्रतिबंधित गोला-बारूद आरोपी के नियंत्रण में न हो, तो उस पर शस्त्र अधिनियम के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती। इस टिप्पणी के साथ ही शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से दोषी ठहराए गए व्यक्ति को बरी कर दिया।
जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष के लिए यह साबित करना जरूरी है कि बरामदगी से पहले मालिक को अपने वाहन में गोला-बारूद होने की जानकारी थी और बरामदगी के वक्त गोला-बारूद उसके ही नियंत्रण में थे।
पीठ ने कहा कि जब तक इसका साक्ष्य न हो कि आरोपी की कार में प्रतिबंधित गोला-बारूद कैसे आया, आरोपी का कार से नजदीकी और कैसे उसने उस गोला-बारूद दूसरे को सौंपा, तब तक आखिर उसे दोषी कैसे ठहराया जा सकता है?
क्या था मामला
गुजरात में मोहम्मद रफीक अब्दुल रहीम शेख की कारण से प्रतिबंधित गोला-बारूद बरामद हुआ था। वहां की एक निचली अदालत ने इस बरामदगी के कारण ही शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत रफीक को दोषी करार देकर सात वर्ष कैद की सजा सुनाई थी।
लेकिन शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पाया कि आरोपी की जानकारी में उसकी गाड़ी में प्रतिबंधित गोला-बारूद होने की बात नहीं थी और अभियोजन पक्ष भी इसे लेकर कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाया था।