ड्राइविंग लाइसेंस बनवान हुआ ज्यादा आसान, इस तरह यूजर फ्रेंडली कर रहा विभाग
- In देश 12 Oct 2018 6:32 PM IST
दिल्ली में अगले छह महीने में ड्राइविंग लाइसेंस पाना आसान हो गया है. ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इसके लिए सभी 13 क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट दफ्तरों (RTO) में नई व्यवस्था लाने जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल चार लाख से ज्यादा लर्निंग लाइसेंस बनाए जाते हैं. इसमें आधे से ज्यादा लोग 18 से 24 साल के होते हैं. ऐसे में इन्हें ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है.
वर्तमान समय में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस अप्लाई करने वालों को नजदीकी आरटीओ दफ्तर में जाना पड़ता है. इसके साथ ही उन्हें बायोमेट्रिक स्कैन और आंखों का टेस्ट देना होता है. इसे एक ऑनलाइन कंप्यूटर टेस्ट की प्रक्रिया के तहत करना होता था. इसे अब एक पेडस्ट्रल-माउंटेड टचस्क्रीन से रिप्लेस कर दिया गया है, जिससे लोगों को बेहतर टेस्टिंग एक्सपीरियंस मिल सके.
यूजर फ्रेंडली करने का प्रयास
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए वरिष्ठ आरटीओ अधिकारी ने बताया, पेडस्ट्रल-माउंटेड टचस्क्रीन कंप्यूटर की तुलना में ज्यादा यूजर फ्रेंडली है. मालरोड आरटीओ पर ये पहले ही लगा हुआ है, जिसका फीडबैक पॉजिटिव ही आ रहा है. जल्द ही दूसरे आरटीओ दफ्तर के लिए भी जल्द ही इसकी व्यवस्था की जाने वाली है.
पर्मानेंट लाइसेंस के लिए ये व्यवस्था
विभाग पर्मानेंट लाइसेंस के लिए भी ड्राइविंग टेस्ट को परेशानियों से दूर करने की व्यवस्था करने जा रहा है. इसके लिए एक टोकन बेस्ड सिस्टम बनाया जा रहा है. इसमें टोकन लेने के बाद अप्लिकेंट एयरकंडीशन वेटिंग रूम में बैठेगा और इंतजार करेगा. इस दौरान उसका नंबर आते ही एलईडी स्क्रीन पर उसे दिखाई देगा और वह अन्य औपचारिकता के लिए जाएगा. यह एक प्रकार का बायोमेट्रिक स्कैन है.
नहीं है कोई वेटिंग हॉल
बता दें कि आरटीओ में कोई वेटिंग हॉल नहीं है और वहां किसी भी तरह के बैठने की उचित व्यवस्था भी नहीं है. ऐसे में उसे बनाए जाने के साथ ही वहां एलईडी स्क्रीन भी लगाया जाएगा. एक अधिकारी ने कहा कि हमने पहले भी टोकन बेस्ड सिस्टम को बनाए रखने के बारे में सोचा था. लेकिन हमें सफलता नहीं मिली.