पुलिस स्मारक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद पुलिस जवानों को दी श्रद्धांजलि
- In देश 21 Oct 2018 12:03 PM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस स्मारक दिवस 2018 पर आजादी के बाद से पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान की याद में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक देश को समर्पित किया। 21 अक्तूबर 1959 में चीनी सैनिकों द्वारा लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में मारे गए पुलिसकर्मियों की याद में इस दिन को पुलिस स्मारक दिवस के रूप में मनाया जाता है। पीएम मोदी ने पुलिस स्मारक दिवस के मौके पर शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी और परेड में शामिल हुए।
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्य मंत्री किरेन रिजजू भी इस अवसर पर मौजूद हैं। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में बनाया गया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार चाणक्यपुरी में 30 फीट ऊंचा यह एकल पाषाण-स्तंभ देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बल और केंद्रीय पुलिस संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है। इस स्मारक का निर्माण शांतिपथ के उत्तरी छोर पर चाणक्यपुरी में 6.12 एकड़ भूमि पर किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में पुलिस जवानों के कार्य, शहादत और उनके त्याग को याद करते हुए भावुक हो गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुतों को तो ये तक पता नहीं होता कि कोई इमारत गिरने पर, नाव हादसा होने पर, आग लगने पर, रेल हादसा होने पर, राहत के काम की कमान संभालने वाले ये लोग कौन हैं। आगे उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य में, हर पुलिस स्टेशन, हर पुलिस चौकी में तैनात, राष्ट्र की हर संपदा की सुरक्षा में जुटे साथियों को, राहत के काम में जुटे साथियों को, आप सभी को भी मैं बधाई देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज का यह दिन देश में आपदा प्रबंधन, किसी प्राकृतिक संकट के समय या हादसे के वक्त राहत कार्यों में जुटने वाले उन जवानों को भी याद करने का है, जिनकी सेवा की बहुत चर्चा नहीं होती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिस जवानों के कर्तव्य को देखकर खुशी का भाव पैदा होता है। देश में अनेकता और अशांति फैलाने की साजिशों को नाकाम करने का काम आप सभी ने किया है।
आजादी के बाद अब तक 34,844 पुलिस जवान शहीद
आजादी के बाद से अभी तक 34,844 पुलिस जवान शहीद हो चुके हैं। जिनमें 424 पुलिस जवानों ने इसी साल अपनी शहादत दी है। इनमें से कई जाबांज पुलिसकर्मियों ने कश्मीर, पंजाब, असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम जैसे विभिन्न क्षेत्रों और देश के वाम चरमपंथ क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी जानें गवाई हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में पुलिस के जवान अपराध रोकने एवं कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में शहीद हुए।
एनपीएम ग्रेनाइट के एक टुकड़े से बनी केंद्रीय प्रस्तर प्रतिमा है, जो 30 फीट ऊंचा पत्थर का खंभा है और इसका वजन 238 टन है। इसका वजन और रंग सर्वोच्च बलिदान की गंभीरता का प्रतीक है। सभी 34,844 पुलिस जवानों के नाम शूरता की दीवार पर ग्रेनाइट पर उत्कीर्ण हैं।
राष्ट्र के नाम एक पुलिस संग्रहालय भी समर्पित किया जाएगा। इसमें वे कलाकृतियां एवं समय-बिन्दु शामिल हैं जिन्होंने भारतीय पुलिस के इतिहास को आकार दिया।