सियासी कुनबे को बचाने के लिए सक्रिय हुई महबूबा
- In देश 4 Dec 2018 11:50 AM IST
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अंतर्कलह से जूझ रही अपने सियासी कुनबे को एकजुट रखने के लिए सक्रिय हो गई हैं। नाराज नेताओं को मनाने और बागियों पर नकेल कसने की कवायद के तहत सोमवार को वह पार्टी संस्थापकों में शामिल सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग से मिलने उनके घर पहुंची। वह करीब दो घंटे तक वहां रुकी। इस दौरान उनकी पीडीपी की अंदरुनी सियासत से लेकर रियासत के समग्र हालात पर चर्चा हुई।
मुजफ्फर हुसैन बेग ने गत 19 नवंबर को श्रीनगर में एक प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों का खुलासा करते हुए पीपुल्स कांफ्रेंस में जाने की संभावना जताई थी। उन्होंने पीपुल्स कांफ्रेंस को अपना पुराना घर और सज्जाद गनी लोन को अपने पुत्र के समान बताया। उन्होंने कहा था कि अगर सज्जाद लोन के नेतृत्व में कोई तीसरा मोर्चा बनता है तो वह उसमें भी जा सकते हैं, लेकिन अभी पीडीपी नहीं छोड़ने वाले हैं क्योंकि मैंने पार्टी प्रमुख से कुछ सवाल किए हैं, जिनका जवाब जरूरी है। बेग की इसी प्रेस वार्ता के साथ पीडीपी में पैदा हुए विभाजन की आशंका को देखते हुए महबूबा ने नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस से गठजोड़ का प्रयास करते हुए सरकार बनानी चाही, लेकिन विधानसभा भंग होने से नाकाम रही। इसके साथ ही पीडीपी में विभाजन की लकीरें साफ नजर आई।
महबूबा ने संगठन में जारी उथल पुथल पर चुप्पी साधे रखी और प्रत्यक्ष रूप से कोई कदम उठाती नजर नहीं आई, लेकिन आज अचानक बेग के करालसंगरी निशात स्थित घर जाकर सभी को चौंका दिया। वह वहां करीब दो घंटे रहीं। इस दौरान उन्होंने बेग और उनकी पत्नी सफीना बेग के साथ पार्टी के भीतरी हालात, कश्मीर की सियासत में पीडीपी और बेग की अहमियत संबंधी मामलों पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने संगठन की नीतियों में बदलाव लाने और उसमें विभिन्न नेताओं की राय के आधार पर फैसले लेने का यकीन दिलाया।
महबूबा ने संगठन में जारी उथल पुथल पर चुप्पी साधे रखी और प्रत्यक्ष रूप से कोई कदम उठाती नजर नहीं आई, लेकिन आज अचानक बेग के करालसंगरी निशात स्थित घर जाकर सभी को चौंका दिया। वह वहां करीब दो घंटे रहीं। इस दौरान उन्होंने बेग और उनकी पत्नी सफीना बेग के साथ पार्टी के भीतरी हालात, कश्मीर की सियासत में पीडीपी और बेग की अहमियत संबंधी मामलों पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने संगठन की नीतियों में बदलाव लाने और उसमें विभिन्न नेताओं की राय के आधार पर फैसले लेने का यकीन दिलाया।