अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना हटेगी, कश्मीर पर भी पड़ेगा असर: पूर्व डीजीपी

जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक के. राजेंद्र कुमार ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे से निपटने के लिये भारत को एक ''स्पष्ट खाका'' अपनाना चाहिए. अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी की चर्चा करते हुए उन्होंने आशंका जताई कि इसका घाटी पर भी असर पड़ेगा. इससे आतंकवादी संगठनों का हौसला बढ़ सकता है.
के. राजेंद्र कुमार पुणे में सरहद संगठन की ओर से आयोजित 'ललितादित्य स्मृति व्याख्यान' के दौरान बोल रहे थे. अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने के सिलसिले में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की जरूरत है.
पाकिस्तान को सख्त संदेश देने की जरूरत
उन्होंने कहा कि इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिये पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की आवश्यकता है. हमें पाकिस्तान को यह महसूस कराने की जरूरत है कि ऐसा करना उसके लिये बहुत महंगा पड़ेगा, क्योंकि आज भी पाकिस्तान को इसकी चुभन का एहसास नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां तक आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविरों और आतंकवादी ठिकानों का संबंध है, भारत को पाकिस्तान से सख्ती से निपटने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका अब अफगानिस्तान से हट रहा है. इसका कश्मीर पर भी असर पड़ने वाला है. यह वक्त की बात है कि हम घाटी में भी इसका असर महसूस करेंगे. अमेरिकी सेना की वापसी से आतंकवादी संगठनों का हौसला बुलंद होगा.
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है. एक अमेरिकी अधिकारी ने पिछले गुरुवार को यह जानकारी दी. सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने का फैसला किये जाने के एक दिन बाद यह घोषणा की गई.
अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर किये जाने की शर्त पर कहा, ''फैसला किया गया है. बड़ी संख्या में सैनिकों को वापस बुलाया जाएगा.'' दरअसल, अमेरिका ने बीते मंगलवार को ही सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला लिया है. फिलहाल सीरिया में करीब 2000 अमेरिकी सैन्यबल हैं. उनमें से ज्यादा सैनिक उन स्थानीय बलों के प्रशिक्षण मिशन में लगे हैं जो आईएस से दो-दो हाथ कर रहे हैं.