मोदी कैबिनेट के मंत्री से समझिए, मायावती पर अभद्र कमेंट का नफा-नुकसान
- In देश 20 Jan 2019 2:10 PM IST
बीजेपी की महिला विधायक की ओर से बीएसपी सुप्रीमो मायावती के लिए अभद्र कमेंट किए जाने से मोदी कैबिनेट के मंत्री रामदास अठावले भी नाराज हैं. अठावले ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि बीजेपी की ओर से मायावती के लिए इस तरह के कमेंट करने से एनडीए के सभी घटक दलों को नुकसान होगा. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री और महाराष्ट्र के दलित नेता रामदास अठावले ने कहा कि बीजेपी नेताओं को मायावती या किसी भी महिला के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि मायावती पर किसी भी तरह की अभद्र टिप्प्णी से दलित वोटर बीजेपी सहित एनडीए के सभी घटक दलों से दूर होंगे. इसका सीधा फायदा महागठबंधन को होगा. मायावती एक महिला हैं और दलित समाज से आती हैं. मायावती ही क्यों किसी भी महिला पर विवादित टिप्पणी करना निंदनीय है. ऐसी बयानबाजी से बीजेपी की इमेज खराब होगी.
अठावले ने कहा कि मायावती अगर सच में दलितों का हित चाहती हैं तो उन्हें एनडीए में शामिल हो जाना चाहिए. मायावती बीजेपी को जातिवादी पार्टी कहती हैं. उन्हें याद रखना चाहिए कि वह बीजेपी के सहयोग से ही तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बनीं. जब मुख्यमंत्री बनना था तो बीजेपी जातिवादी नहीं थी और अब जातिवादी हो गई. उन्होंने कहा कि एसपी-बीएसपी-आरएलडी के गठबंधन से एनडीए पर को कोई असर नहीं पड़ने वाला है. 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में एनडीए एक बार फिर से सरकार बनाएगी.
अठावले ने कहा कि वे चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को बीजेपी 2-3 सीटों पर चुनाव लड़ाए, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि रिपब्लिकन पार्टी के यूपी में आने से एनडीए के प्रति दलित वोटों का झुकाव बढ़ेगा.
शनिवार को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ओर से विपक्षी दलों के सभी बड़े नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश पर अठावले ने अपनी राय रखी. रामदास अठावले ने कहा कि ममता ने जो रैली की है, उसमे साफ है कि ये दल पीएम मोदी से डरते हैं. अठावले ने संकेते दिए कि अंतरिम बजट में जनता को बड़ी राहत मिल सकती है. अठावले ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) से कहा कि उन्हें बीजेपी को सपोर्ट करना चाहिए. वीएचपी को समझना चाहिए कि कांग्रेस के घोषणापत्र में राम मंदिर का मुद्दा कभी भी शामिल नहीं किया जा सकता है.